क्या यूपी सेमीकंडक्टर हब बनेगा? 20 हजार वेफर्स क्षमता वाली ओसैट यूनिट की जल्द शुरुआत

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क्या यूपी सेमीकंडक्टर हब बनेगा? 20 हजार वेफर्स क्षमता वाली ओसैट यूनिट की जल्द शुरुआत

सारांश

क्या उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर हब बनने की ओर अग्रसर है? एचसीएल और फॉक्सकॉन की नई ओसैट यूनिट के द्वारा 20,000 वेफर्स प्रति माह की उत्पादन क्षमता के साथ, यह परियोजना भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस यूनिट की विशेषताएं और इसका महत्व क्या है।

Key Takeaways

  • 20,000 वेफर्स प्रति माह की उत्पादन क्षमता।
  • एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त प्रयास।
  • उत्तर प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा।
  • घरेलू चिप्स की आपूर्ति में वृद्धि।
  • सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा।

लखनऊ, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को उत्तर प्रदेश में एक नई दिशा और गति मिलने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित आत्मनिर्भर और तकनीक-आधारित अर्थव्यवस्था की मजबूत झलक एचसीएल और फॉक्सकॉन की संयुक्त ओसैट यूनिट के रूप में देखने को मिलेगी। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी उत्पादन क्षमता प्रति माह 20,000 वेफर्स है।

यही क्षमता इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर रणनीतिक महत्व प्रदान करती है और भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में इसे एक बड़ा कदम बनाती है।

अधिकारियों का कहना है कि जनवरी के मध्य में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी संभावित है, जिसके बाद परियोजना पर तेजी से काम शुरू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा यह कहते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है। बेहतर कानून-व्यवस्था, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश अनुकूल नीतियों के कारण एचसीएल और फॉक्सकॉन जैसी वैश्विक कंपनियां राज्य में निवेश के लिए आगे आई हैं। इस साझेदारी से न केवल तकनीकी विशेषज्ञता आएगी बल्कि सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।

यह परियोजना केवल एक औद्योगिक निवेश नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश को भविष्य की वैश्विक तकनीक से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। एचसीएल ग्रुप की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा का कहना है कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास यह इकाई स्थापित की जाएगी। लगभग 3706 करोड़ रुपए के निवेश से बनने वाली यह यूनिट उत्तर प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा होगी। इसमें हर माह 20,000 सिलिकॉन वेफर्स की प्रोसेसिंग की जाएगी, जिनसे बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर चिप्स तैयार होंगी।

सेमीकंडक्टर उद्योग में वेफर को चिप निर्माण की आधारशिला माना जाता है। एक वेफर से चिप के आकार और तकनीक के अनुसार सैकड़ों से लेकर हजारों माइक्रोचिप्स तैयार की जाती हैं। इस प्रकार, 20,000 वेफर्स की मासिक क्षमता का अर्थ है कि यह यूनिट हर महीने लाखों से करोड़ों चिप्स के निर्माण से संबंधित प्रक्रियाओं को अंजाम दे सकेगी। यह उत्पादन क्षमता भारत में डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

इस संयंत्र में मुख्य रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण किया जाएगा जिनका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। वर्तमान में भारत इन चिप्स के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। 20 हजार वेफर्स की नियमित प्रोसेसिंग से घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूती मिलेगी और आयात निर्भरता में भारी कमी आने की संभावना है।

एचसीएल ग्रुप और फॉक्सकॉन की यह साझेदारी तकनीकी क्षमता और वैश्विक अनुभव का संगम मानी जा रही है। इससे सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिससे कि 20 हजार वेफर्स की इस उच्च क्षमता को संचालित करने के लिए कुशल मानव संसाधन को तैयार किया जा सके। सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार 20 हजार वेफर्स प्रति माह की यह क्षमता उत्तर प्रदेश को सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत स्थान दिलाने के साथ-साथ भारत को वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरिंग मानचित्र पर एक कदम आगे ले जाएगी।

Point of View

जो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में एक प्रमुख स्थान दिलाएगी। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ मेल खाता है।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

सेमीकंडक्टर यूनिट में क्या उत्पादन होगा?
इस यूनिट में मुख्य रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का उत्पादन होगा, जो मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं।
इस परियोजना का महत्व क्या है?
यह परियोजना भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद करेगी और घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाएगी।
उद्घाटन कब होगा?
जनवरी के मध्य में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी का आयोजन संभावित है।
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