क्या यूपी का नया अवतार: जमीन पर रफ्तार और आकाश में विस्तार संभव है?

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क्या यूपी का नया अवतार: जमीन पर रफ्तार और आकाश में विस्तार संभव है?

सारांश

उत्तर प्रदेश ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अभूतपूर्व परिवहन और कनेक्टिविटी विकास का अनुभव किया है। एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट की संख्या में वृद्धि ने इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेश का नया केंद्र बना दिया है। क्या यूपी का यह नया अवतार भविष्य में और भी ऊँचाइयों को छू सकेगा?

Key Takeaways

  • उत्तर प्रदेश का एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेजी से विकसित हो रहा है।
  • हवाई कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
  • योगी सरकार का विजन 2047 तक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बनाना है।
  • UP एक लॉजिस्टिक हब बनता जा रहा है।
  • सड़क नेटवर्क में सुधार से व्यापार को नई गति मिल रही है।

लखनऊ, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 'विकसित यूपी एट 2047' के दृष्टिकोण के तहत परिवहन और कनेक्टिविटी में अद्वितीय विकास का अनुभव किया है। पिछले साढ़े आठ वर्षों में सड़क, एक्सप्रेसवे और एविएशन सेक्टर में जो तेजी आई है, उसने प्रदेश की गति को बढ़ाने के साथ-साथ इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश और विकास का नया केंद्र बना दिया है।

2017 से पहले, उत्तर प्रदेश में सड़क और एविएशन अवसंरचना का विकास अत्यंत धीमा था। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क लंबाई 2013-14 में 51,549 किलोमीटर से बढ़कर 2016-17 में सिर्फ 56,846 किलोमीटर तक पहुंची। वहीं, हवाई कनेक्टिविटी भी सीमित थी, जिसमें 17 वर्षों (1999 से 2016) में केवल 55 लाख यात्रियों की वृद्धि हुई।

उस समय प्रदेश में सिर्फ तीन एक्सप्रेसवे और कुछ ही हवाई अड्डे कार्यरत थे। मुख्यमंत्री योगी सरकार ने 2017 के बाद सड़क, हवाई और जल परिवहन में समन्वित दृष्टिकोण से ठोस कदम उठाए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुसार, सड़क लंबाई 2024-25 तक 77,425 किलोमीटर तक पहुंच गई है। इसके अलावा, यूपी अब एक्सप्रेसवे नेटवर्क में देश में सबसे आगे है, जहां 22 एक्सप्रेसवे के निर्माण का महाअभियान चल रहा है।

उत्तर प्रदेश को अब 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' के रूप में पहचाना जा रहा है। 1949-50 में कोई एक्सप्रेसवे नहीं था, वहीं 2016-17 तक यह संख्या केवल तीन तक पहुंची थी। लेकिन 2025-26 तक यह संख्या बढ़कर 22 होने की संभावना है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट न केवल आंतरिक कनेक्टिविटी को बढ़ा रहे हैं, बल्कि यूपी को एक लॉजिस्टिक हब के रूप में मजबूत कर रहे हैं।

एक्सप्रेसवे नेटवर्क को व्यापक बनाने के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, जिनमें गंगा एक्सप्रेसवे, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे, फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे, जेवर लिंक एक्सप्रेसवे, झांसी लिंक एक्सप्रेसवे, विंध्य एक्सप्रेसवे, विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे, मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे और चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, प्रदेश का सड़क नेटवर्क और मजबूत होगा और पड़ोसी राज्यों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

2004-05 में उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 5,599 किलोमीटर था, जो 2023-24 तक बढ़कर 12,292 किलोमीटर हो गया। इस दोगुनी वृद्धि ने राज्य के भीतर व्यापार, माल ढुलाई और औद्योगिक विकास को नई गति दी है। इससे न केवल रसद लागत कम हुई है, बल्कि यूपी उत्तर भारत में एक रणनीतिक ट्रांजिट हब बन गया है।

1950 में प्रदेश में एक भी हवाई अड्डा नहीं था, वहीं 2025 तक इनकी संख्या 16 (पांच निर्माणाधीन सहित) हो जाएगी। इस संख्या में 12 घरेलू और 4 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शामिल हैं। विशेष रूप से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आने वाले समय में एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा और यूपी को एक नया पहचान देगा।

2017 से पहले 17 वर्षों में हवाई यात्रियों की संख्या में 55 लाख की वृद्धि हुई थी, जबकि पिछले आठ वर्षों में यह वृद्धि 82 लाख तक पहुंच गई है। 2025 में विमान यात्रियों की संख्या 1.42 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह तेजी यूपी को विमानन क्षेत्र में नई ऊँचाई पर ले जा रही है।

प्रदेश में पूर्व से पश्चिम की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव के बाद, योगी सरकार 2030 तक उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी का विशाल नेटवर्क बनाने की दिशा में काम कर रही है। सभी जिला मुख्यालयों को एक्सप्रेसवे से जोड़ने, नेपाल सीमा पर बहुउद्देशीय ट्रांजिट हब विकसित करने और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर विश्वस्तरीय रोपवे बनाने की योजना है।

मुख्यमंत्री योगी का प्रमुख विजन है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश के प्रत्येक मंडल में एक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट हो। सभी 75 जिलों को एक्सप्रेसवे और एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही ग्रीन स्मार्ट हाईवे, एयर कार्गो हब, हेलिपोर्ट और आधुनिक एविएशन इकोसिस्टम के जरिए उत्तर प्रदेश को एक ग्लोबल कनेक्टिविटी सेंटर के रूप में स्थापित करने की योजना है।

Point of View

बल्कि राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण केंद्र बना रही हैं। यह विकास न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क कब से विकसित हो रहा है?
उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क 2017 से तेजी से विकसित हो रहा है, जब योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए।
क्या यूपी में हवाई कनेक्टिविटी बेहतर हुई है?
हाँ, पिछले आठ वर्षों में हवाई यात्रियों की संख्या में 82 लाख की वृद्धि हुई है, और 2025 तक हवाई अड्डों की संख्या 16 होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी का विजन क्या है?
मुख्यमंत्री योगी का विजन 2047 तक हर मंडल में एक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बनाना और सभी जिलों को एक्सप्रेसवे से जोड़ना है।
क्या यूपी को लॉजिस्टिक हब के रूप में जाना जा रहा है?
जी हाँ, यूपी अब लॉजिस्टिक हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, जिससे व्यापार और औद्योगिक विकास को नई गति मिल रही है।
क्या गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है?
हाँ, गंगा एक्सप्रेसवे सहित कई नए प्रोजेक्ट यूपी में शुरू किए गए हैं, जो सड़क नेटवर्क को मजबूत करेंगे।