क्या फ्री फायर गेम की लत ने 14 साल के यश की जान ले ली?

सारांश
Key Takeaways
- गेमिंग लत मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
- माता-पिता को बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
- ऑनलाइन गेमिंग में सावधानी
- बच्चों को असीमित मोबाइल एक्सेस न दें।
- इस तरह की घटनाओं से सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
लखनऊ, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के धनुवासाड़ गांव में एक दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को सन्नाटे में डाल दिया है। 14 वर्षीय छात्र यश यादव ने सोमवार को फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। मोबाइल गेम ‘फ्री फायर’ की लत के चलते उसने अपने पिता के बैंक खाते से 13 लाख रुपए गंवा दिए थे। यह राशि उसके पिता सुरेश कुमार यादव ने दो साल पहले जमीन बेचकर मकान निर्माण के लिए जमा की थी।
डीसीपी साउथ जोन निपुण अग्रवाल ने बताया कि यश पिछले दो महीनों से 'फ्री फायर' का आदी हो चुका था। यह एक बैटल रॉयल शैली का गेम है, जिसमें खिलाड़ी वर्चुअल दुनिया में लड़ते हैं और इन-गेम आइटम्स खरीदकर जीतने का लालच दिया जाता है। यश ने अपने पिता के मोबाइल से बैंकिंग ऐप को सक्रिय किया और गेम में करोड़पति बनने के चक्कर में लगातार पैसे ट्रांसफर करता गया। जब उसके पिता ने सोमवार को बैंक जाकर देखा, तो खाते से 13 लाख रुपए गायब थे। घर लौटकर उन्होंने यश को डांटा, जिससे नाबालिग टूट गया। कुछ ही घंटों बाद उसने ऊपरी कमरे में फंदा लगा लिया।
परिजनों के अनुसार, यश बीआईपीएस स्कूल में छठी कक्षा का छात्र था। वह स्कूल से लौटते ही मोबाइल थाम लेता और घंटों गेम में डूबा रहता। हाल ही में उसका व्यवहार चिड़चिड़ा हो गया था, लेकिन परिवार ने इसे नजरअंदाज कर दिया। घटना से ठीक पहले यश ने मोबाइल को रीसेट कर दिया ताकि गेमिंग रिकॉर्ड और लेनदेन छिप जाएं। आत्महत्या की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
डीसीपी अग्रवाल ने अपील की कि माता-पिता बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें, खासकर ऑनलाइन गेम्स पर। माइनर बच्चों को मोबाइल की असीमित पहुंच न दें। गेमिंग लत अवसाद और खतरनाक कदमों को जन्म दे सकती है।