क्या यूपी के चर्चित एएसपी अनुज चौधरी का तबादला सही समय पर हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- संभल में 44 पीपीएस अधिकारियों के तबादले हुए।
- अनुज चौधरी को फिरोजाबाद में तैनात किया गया।
- सपा सांसद ने तबादले का स्वागत किया।
- कानून व्यवस्था को सुधारने का प्रयास।
- संभल में तनाव बना हुआ है।
संभल, १७ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार शाम को प्रशासनिक फेरबदल के अंतर्गत ४४ पीपीएस (प्रोविंशियल पुलिस सर्विस) अधिकारियों के तबादले कर दिए। इनमें से १७ अधिकारियों को सीओ (सर्किल ऑफिसर) से एडिशनल एसपी (अपर पुलिस अधीक्षक) के पद पर पदोन्नत किया गया, जबकि १३ डिप्टी एसपी के पद भी बदले गए। इस निर्णय का उद्देश्य कानून व्यवस्था को मजबूत करना और विकास कार्यों को गति प्रदान करना है। संभल के चर्चित एएसपी अनुज कुमार चौधरी का नाम भी इस सूची में है, जिन्हें फिरोजाबाद में एडिशनल एसपी (ग्रामीण) के रूप में तैनात किया गया है।
अनुज चौधरी, जो २०१२ बैच के पीपीएस अधिकारी हैं, संभल में अपनी सख्त कार्यशैली और बेबाक बयानों के लिए प्रसिद्ध हैं। वे खेल कोटे से भर्ती हुए थे और कुश्ती में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रहे हैं। हाल ही में उन्हें डिप्टी एसपी से प्रमोशन मिला था, जिसके बाद चंदौसी सर्किल में तैनाती हुई। संभल हिंसा (नवंबर २०२४) के दौरान उनकी भूमिका और बयानों ने विवाद पैदा किया था, सपा ने उन पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की थी।
सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में इस तबादले का स्वागत किया, हालांकि उन्होंने देरी के लिए अफसोस भी जताया। उन्होंने कहा, "यह ट्रांसफर नहीं बल्कि कार्रवाई बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। अफसोस है कि प्रमोशन के बाद तबादला हुआ। देर से सही, यहां से गए तो उम्मीद है कि संभल में जो स्थिति खराब करने का प्रयास किया गया था, अब उसमें सुधार होगा। मैं मानता हूं कि उन पर पहले ही सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी। सरकार ने कदम तो उठाया, भले ही देर से सही, पर इससे संभल के लोगों को राहत मिलेगी।"
जानकारी के अनुसार, संभल में नवंबर २०२४ की हिंसा के बाद तनाव बना हुआ है, जहां शाही जामा मस्जिद सर्वे को लेकर बवाल हुआ था। सांसद वर्क पर भी हिंसा भड़काने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज हुई थी।