क्या यूपी में एसआईआर के मुद्दे पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद का मानना है कि हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार मिलना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- मतदाता का अधिकार हर नागरिक का है।
- एसआईआर चुनावी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- प्रत्येक मतदाता का नाम सूची में होना चाहिए।
- राजनीतिक दलों को सचेत रहना चाहिए।
- लोकतंत्र की नींव को मजबूत करना जरूरी है।
अयोध्या, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जाएगा। यूपी उन राज्यों में से एक है जहाँ चुनाव आयोग ने एसआईआर कराने का निर्णय लिया है। आयोग की घोषणा पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में एक भी मतदाता का नाम सूची से बाहर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि मैं मानता हूँ कि प्रदेश के सभी मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में होने चाहिए। पूरी चौकसी और निगरानी के साथ हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार मिलना चाहिए।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सपा सांसद ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान में सभी को वोट देने का अधिकार है। दुनिया में इससे बड़ा और कीमती अधिकार कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एक भी मतदाता सरकार या किसी के दबाव में सूची से बाहर न रहे। मतदाता सूची में सभी का नाम अवश्य होना चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनाव पर अपनी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि बिहार के पार्टी नेताओं से फोन पर संपर्क हुआ है। मैंने कहा कि मेरी सभाएं कहाँ होंगी, यह बताएं। मैं अपनी बात रख सकता हूँ। मैं 1 नवंबर को बिहार जाऊँगा और 5 नवंबर तक रहूँगा।
वहीं, जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने एसआईआर के मुद्दे पर कहा कि हमने इस प्रक्रिया का शुरू से विरोध किया है और वर्तमान में झारखंड के लिए एसआईआर की सूची में नाम नहीं है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार तानाशाही फैसले ले सकती है और इसके माध्यम से अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति करना चाहती है। सरकार एसआईआर का उपयोग चुनाव के एक उपकरण के रूप में करना चाहती है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में एसआईआर हो रहा है, वहां के राजनीतिक दलों को सचेत रहने की जरूरत है ताकि कोई भी व्यक्ति वोट के अधिकार से वंचित न रहे।