क्या गाजियाबाद में यूपी एसटीएफ ने दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले आरोपियों को खत्म किया?

सारांश
Key Takeaways
- गाजियाबाद में दिशा पाटनी के घर फायरिंग की घटना हुई।
- यूपी एसटीएफ ने संयुक्त अभियान चलाकर आरोपियों को ठिकाने लगाया।
- दोनों आरोपी गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में मरे।
- पुलिस ने परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है।
- यह गैंग सेलिब्रिटी परिवारों को निशाना बना रहा था।
गाजियाबाद, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित पैतृक निवास पर 12 सितंबर को हुई फायरिंग की चौंकाने वाली घटना का पर्दाफाश करते हुए एसटीएफ ने बुधवार को गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी थाना क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान चलाया। इस मुठभेड़ में दोनों आरोपी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई।
इस पूरे प्रकरण की शुरुआत 12 सितंबर की सुबह लगभग 3:45 बजे हुई, जब दो बाइक सवार बदमाशों ने बरेली के सिविल लाइंस क्षेत्र में दिशा पाटनी के विला नंबर 40 पर 10-15 राउंड गोलियां चलाईं। दिशा के पिता जगदीश सिंह पाटनी (सेवानिवृत्त डीएसपी), मां और बहन खुशबू पाटनी घर पर मौजूद थे, लेकिन किसी को चोट नहीं आई। थाना कोतवाली बरेली में मामला दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।
एसटीएफ की नोएडा यूनिट, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और हरियाणा एसटीएफ की एक संयुक्त टीम ने इंटेलिजेंस और सीसीटीवी फुटेज की मदद ली, साथ ही आसपास के राज्यों के अपराध रिकॉर्ड और तकनीकी निगरानी के माध्यम से दोनों बदमाशों का पता लगा लिया।
आरोपी रविंद्र (पुत्र कल्लू, निवासी कहनी, रोहतक, हरियाणा) और अरुण (पुत्र राजेंद्र, निवासी इंडियन कॉलोनी, गोहना रोड, सोनीपत, हरियाणा) रोहित गोदारा-गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे। रविंद्र पहले भी कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रहा है।
मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसकी जवाबी कार्रवाई में दोनों घायल हो गए। मौके से ग्लॉक और जिगाना पिस्टल के साथ कई कारतूस बरामद हुए। एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया, "यह गैंग धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के बहाने सेलिब्रिटी परिवारों को निशाना बना रहा था। दिशा की बहन खुशबू पाटनी के कथित बयान को लेकर यह वारदात रची गई थी।"
गैंग ने सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी भी ली थी, जिसमें प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य महाराज का अपमान बताया गया। पुलिस ने परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है।