क्या ईडी ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने तीन व्यक्तियों को बैंक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है।
- गिरफ्तारियां अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में हुई हैं।
- धोखाधड़ी की राशि 500 करोड़ रुपए से अधिक है।
- गिरफ्तार व्यक्तियों में पूर्व सांसद भी शामिल हैं।
- जांच में फर्जी कंपनियों का गठन पाया गया।
कोलकाता, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अनुसार की गई है।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद एवं अंडमान एवं निकोबार राज्य सहकारी बैंक (एएनएससीबीएल) के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राय शर्मा, प्रबंध निदेशक (एएनएससीबीएल) मुरुगन और ऋण अधिकारी के. कलैवानन शामिल हैं।
विशेष न्यायालय ने पीएमएलए के तहत कुलदीप राय शर्मा और के. कलैवानन को ईडी की हिरासत में 8 दिनों के लिए भेज दिया है।
यह गिरफ्तारियां अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ईडी द्वारा की गई पहली कार्रवाइयां हैं। जांच अंडमान और निकोबार पुलिस के अपराध एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी।
यह मामला अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी से संबंधित है, जिसमें कुलदीप राय शर्मा और अन्य लोग शामिल हैं। इन व्यक्तियों ने कई फर्जी कंपनियों का गठन किया और बैंक के नियमों का उल्लंघन करते हुए उन्हें बड़े ऋण स्वीकृत किए, जिसका उद्देश्य धनराशि का न चुकाना था, जिससे बैंक को नुकसान हुआ।
जांच से पता चला है कि 100 से अधिक ऋण खातों के माध्यम से 500 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई है।
ईडी की जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि एमडी मुरुगन और ऋण अधिकारी कलैवानन ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर कंपनियों के माध्यम से बैंक से धोखाधड़ी से ऋण प्राप्त किया। उन्होंने 5 प्रतिशत कमीशन के बदले कई ऋण प्राप्त करने में मदद की।
इसके अलावा, बैंक निधियों के डायवर्जन से संबंधित तलाशी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में की गई थी, जिसमें पहले भी कई परिसरों की तलाशी ली गई थी। यह जांच कुलदीप राय शर्मा द्वारा अपने सहयोगियों के साथ बनाई गई शेल कंपनियों से संबंधित है।