क्या यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र ने सदन की कार्यवाही में एक नया उदाहरण पेश किया?

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क्या यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र ने सदन की कार्यवाही में एक नया उदाहरण पेश किया?

सारांश

उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2025 में अनुशासन और उत्पादकता का एक नया मापदंड स्थापित करता है। इस सत्र में कार्यवाही एक बार भी स्थगित नहीं हुई। जानें इस सत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और विधेयकों के बारे में।

Key Takeaways

  • सदन की कार्यवाही 24 घंटे 50 मिनट तक चली।
  • कोई भी स्थगन समय नहीं रहा।
  • सत्र में 2776 प्रश्न प्राप्त हुए।
  • महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।

लखनऊ, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का वर्ष 2025 का तृतीय (शीतकालीन) सत्र अनुशासन, सुचारु संचालन और विधायी उत्पादकता का बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरा है। 19 दिसंबर से 24 दिसंबर तक चले इस सत्र में चार उपवेशनों के दौरान सदन की कार्यवाही एक बार भी स्थगित नहीं हुई और सभी निर्धारित विधायी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए गए।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान स्थगन समय शून्य रहा, जबकि सदन की कार्यवाही कुल 24 घंटे 50 मिनट तक निर्बाध रूप से चली। उन्होंने कहा कि यह सत्र संसदीय परंपराओं और सदन की कार्यकुशलता का परिचायक है।

अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान कुल 2776 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 95.46 प्रतिशत प्रश्न ऑनलाइन माध्यम से सदस्यों द्वारा भेजे गए। इनमें अल्पसूचित तारांकित प्रश्न 01, तारांकित प्रश्न 451 तथा अतारांकित प्रश्न 1842 रहे। उत्तरित प्रश्नों में तारांकित प्रश्न 51 और अतारांकित प्रश्न 530 शामिल रहे। सभी प्रश्नोत्तर शासन से ऑनलाइन प्राप्त कर सदस्यों एवं पब्लिक पोर्टल पर उपलब्ध कराए गए। नियम-51 के अंतर्गत प्राप्त 388 सूचनाओं में से 233 ध्यानाकर्षण स्वीकार किए गए, जबकि 295 सूचनाएं अस्वीकृत रहीं। इनमें छह मामलों पर वक्तव्य तथा पांच पर केवल वक्तव्य दिए गए।

सत्र के दौरान कुल 408 याचिकाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 372 ग्राह्य, चार अग्राह्य तथा 32 व्यपगत रहीं।

सतीश महाना ने बताया कि नियम-311 के अंतर्गत कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई। नियम-56 के तहत प्राप्त 40 सूचनाओं में 10 स्वीकार, एक ध्यानाकर्षण, और 29 अस्वीकृत रहीं। नियम-301 के अंतर्गत 293 सूचनाओं में से 171 स्वीकृत और 122 अस्वीकृत की गईं। नियम-300 के तहत 14 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें दो अग्राह्य और 12 अस्वीकृत रहीं। वहीं नियम-103 के तहत प्राप्त सभी छह प्रस्ताव ग्राह्य पाए गए।

बता दें कि शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिनमें उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी तथा विधि मान्यकरण विधेयक, 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक, उत्तर प्रदेश गन्ना उपकर निरसन विधेयक, केजीएमयू (संशोधन) विधेयक तथा उत्तर प्रदेश विनियोग (2025-26) का अनुपूरक विधेयक प्रमुख रूप से शामिल हैं।

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे एक सुचारु संचालन के द्वारा विधायी कार्य किए जा सकते हैं। यह सकारात्मक संकेत है कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की भावना बढ़ रही है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कितने प्रश्न प्राप्त हुए?
सत्र के दौरान कुल 2776 प्रश्न प्राप्त हुए।
क्या इस सत्र में कोई प्रश्न स्थगित हुए?
नहीं, इस सत्र में सदन की कार्यवाही एक बार भी स्थगित नहीं हुई।
सत्र के दौरान कितने विधेयक पारित किए गए?
इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।
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