क्या उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीमाता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक की अध्यक्षता की?

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क्या उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीमाता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक की अध्यक्षता की?

सारांश

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजभवन में श्रीमाता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की 36वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक का उद्देश्य विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार विकसित करना था।

Key Takeaways

  • उपराज्यपाल ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
  • शैक्षणिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
  • पाठ्यक्रम के अद्यतन की आवश्यकता पर बल दिया गया।
  • डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
  • भाषाओं के लिए विशेष संकाय स्थापित करने का प्रस्ताव।

जम्मू, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को राजभवन में श्रीमाता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की 36वीं बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में एसएमवीडीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रगति कुमार, जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय, कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नीलोफर खान, अहमदाबाद विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के कुलपति एवं अध्यक्ष प्रो. पंकज चंद्रा, राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. एएसके सिन्हा समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे।

कार्यकारी परिषद ने कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की और बैठक के दौरान प्रस्तुत विभिन्न एजेंडा बिंदुओं को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की।

उपराज्यपाल ने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों को पूरा करने और एसएमवीडीयू को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए पाठ्यक्रम को नियमित रूप से अद्यतन करने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण पहलों और कार्यक्रमों की व्यापक समीक्षा करने का निर्देश दिया।

उन्होंने आजीवन सीखने के कौशल और सामुदायिक जुड़ाव, नामांकन में वृद्धि, उद्योग सहयोग और नेटवर्किंग, अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से कौशल संवर्धन, अनुसंधान, नवाचार और इनक्यूबेशन, पेटेंट, संकाय और कर्मचारियों के सुदृढ़ीकरण और आगामी शैक्षणिक वर्ष से नए कार्यक्रमों की शुरुआत पर समर्पित ध्यान देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

उपराज्यपाल ने विश्वविद्यालय को हिंदी, डोगरी, फ्रेंच और जर्मन में एकीकृत पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए भाषाओं के लिए एक विशेष संकाय स्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने विदेशी भाषाओं और तकनीकी पाठ्यक्रमों में नामांकित छात्रों को हिंदी और डोगरी भाषाओं का भी अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।

उन्होंने एसएमवीडीयू को विश्वविद्यालय के सभी अभिलेखों का पूर्ण डिजिटलीकरण लागू करने का भी निर्देश दिया।

बैठक में विश्वविद्यालय में चल रही परियोजनाओं और निर्माण कार्यों, नई शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन, प्रवेश, भर्ती, संकाय कैरियर उन्नति, गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए गैर-कार्यात्मक पदोन्नति, छात्र जीवन चक्र प्रबंधन प्रक्रिया के संपूर्ण डिजिटलीकरण और ई-समर्थ डैशबोर्ड के उपयोग से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों की भी समीक्षा की गई।

अध्यक्ष को सूचित किया गया कि विश्वविद्यालय को अब टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा अपने कैंपस प्लेसमेंट कार्यक्रम के तहत तीन वर्षों की अवधि के लिए 'टीसीएस प्राथमिकता कॉलेज' के रूप में नामित किया गया है।

Point of View

वे न केवल विश्वविद्यालय के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी प्रयासों की निरंतरता और विकास की आवश्यकता है। यह कदम न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षा के मानकों को ऊंचा उठाने के लिए आवश्यक हैं।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

बैठक में किन विषयों पर चर्चा की गई?
बैठक में शैक्षणिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें पाठ्यक्रम के अद्यतन, नामांकन में वृद्धि, और कौशल संवर्धन शामिल थे।
उपराज्यपाल ने किस नीति पर जोर दिया?
उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों को पूरा करने पर जोर दिया।