क्या उपराष्ट्रपति ने भारत के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालयों की सराहना की?
सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल परिवर्तन में मंत्रालयों का योगदान महत्वपूर्ण है।
- टियर-2 और टियर-3 शहरों के विकास पर जोर दिया गया।
- सोशल मीडिया के उपयोग में जिम्मेदारी का महत्व समझाया गया।
- डिजिटल सामग्री निर्माण में नवाचार को प्रोत्साहित किया गया।
- सूचना एवं संचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने शुक्रवार को संसद भवन में भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से भेंट की।
इस बैठक में, उपराष्ट्रपति को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों की प्रमुख पहलों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई, जिसका उद्देश्य भारत के डिजिटल परिवर्तन को तेज करना और देश के सूचना एवं संचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।
उपराष्ट्रपति ने डिजिटल रूप से सशक्त, नवाचार-संचालित और सूचना-जागरूक समाज के निर्माण में इन दोनों मंत्रालयों के परिवर्तनकारी योगदान के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने टियर-2 और टियर-3 शहरों को उभरते सॉफ्टवेयर और नवाचार केंद्रों के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया के जिम्मेदाराना उपयोग और डिजिटल सामग्री निर्माण में नवाचार को प्रोत्साहित करने के महत्व को भी रेखांकित किया।
दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने भी उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के चेयरपर्सन जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यन ने एनएचआरसी के महासचिव भरत लाल के साथ उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से भेंट की।