क्या एसटी हसन को मंत्री अनिल कुमार का जवाब सही है, 'ये लोग सिर्फ हिंदू-मुस्लिम करने में जुटे हैं'?

सारांश
Key Takeaways
- योग का समय सुबह 6 बजे से 8 बजे तक होता है।
- नमाज के लिए भी उचित समय देना चाहिए।
- राजनीति में हिंदू-मुस्लिम विवाद का ध्यान रखना चाहिए।
- सभी समुदायों के जज्बात का ख्याल रखना आवश्यक है।
- योग को एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
मुरादाबाद, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल कुमार ने समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन को तगड़ा जवाब दिया है। पूर्व सांसद एसटी हसन ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 'वाई-ब्रेक' को लेकर सवाल उठाए थे। इस पर मंत्री अनिल कुमार ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग केवल हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा करने में लगे हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अनिल कुमार मुरादाबाद में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे, जहां मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया।
मंत्री अनिल कुमार ने कहा, 'एसटी हसन ने योग के ब्रेक और नमाज को लेकर सवाल उठाए हैं। इसमें समय का बड़ा अंतर है। योग की क्रिया सुबह 6 बजे से 8 बजे तक होती है, जो ऑफिस टाइम नहीं है। वहीं, ईद की नमाज भी सुव्यवस्थित ढंग से कराई जाती है।'
उन्होंने आगे कहा, 'एसटी हसन सिर्फ इस विषय में हिंदू-मुस्लिम का एंगल ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। मुझे लगता है कि अल्पसंख्यक वोट भी उनसे खिसक चुका है। मुस्लिम समाज के लोग भी अब एनडीए के लिए वोट कर रहे हैं। कुंदरकी के चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने एकतरफा वोटिंग की। यही बातें समाजवादी पार्टी को परेशान कर रही हैं, इसलिए वे योग के ब्रेक को भी हिंदू-मुस्लिम के दृष्टिकोण से देखने की कोशिश कर रहे हैं।'
एसटी हसन ने योग दिवस से पहले कहा था, 'योग एक अच्छी चीज है। इसे ऑफिस आने से पहले या ऑफिस के बाद किया जा सकता है। इसके लिए ब्रेक की कोई आवश्यकता नहीं है। यह न तो इबादत है और न पूजा।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब मुसलमान जुमे की नमाज के लिए आधे घंटे का ब्रेक मांगते हैं तो वह नहीं दिया जाता। योग दिवस के लिए बेवजह ब्रेक दिया गया है। ऐसा दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए। सभी के जज्बात का ख्याल रखा जाना चाहिए।'