क्या कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, आईजी गढ़वाल को हटाने की मांग?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने आईजी गढ़वाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- रुड़की हरिद्वार में 50 करोड़ रुपये की जमीन का घोटाला।
- पुलिस कर्मियों के गैंगस्टर से संबंध की जांच की जा रही है।
- पूर्व सीएम हरीश रावत को सीबीआई ने नोटिस भेजा है।
- राजनीतिक खेल का हिस्सा हो सकते हैं ये आरोप।
देहरादून, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) गढ़वाल राजीव स्वरूप को पद से हटाने की मांग की है। राजीव भवन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि रुड़की हरिद्वार में 50 करोड़ रुपये की कीमत की जमीन को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद मनीष बॉलर और आईजी गढ़वाल के कार्यालय में तैनात दो पुलिस कर्मियों का संबंध कुख्यात गैंगस्टर प्रवीण वाल्मीकि से है।
करन महारा ने सरकार से सवाल किया कि गैंगस्टर से संबंध रखने वाले दोनों पुलिस कर्मियों को पिथौरागढ़ से आईजी गढ़वाल के कार्यालय में पोस्टिंग किसने दिलवाई। कांग्रेस का आरोप है कि करोड़ों रुपये की इस जमीन घोटाले में बड़े लोगों का हाथ है, जो इन दोनों पुलिस कर्मियों की कॉल रिकॉर्डिंग से सामने आ सकता है।
कांग्रेस ने मांग की है कि दोनों पुलिस कर्मियों की कॉल रिकॉर्डिंग की गहनता से जांच की जानी चाहिए और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप को पद से हटाया जाए।
यह मामला रुड़की के गांव सुनेहरा में स्थित बेशकीमती जमीन का है। साल 2014 में जमीन के मालिक श्याम बिहारी की मृत्यु के बाद से ही प्रवीण वाल्मीकि गैंग इस जमीन को कब्जाना चाह रहा है। इस पूरे प्रकरण की जांच उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा की जा रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत को 2016 में बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में उन्हें इसी माह सीबीआई मुख्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है, जिसको लेकर अब कांग्रेस हमलावर है।
करन माहरा का कहना है कि विभिन्न पार्टियों के लोग ये कह रहे हैं कि सीबीआई को केंद्र सरकार टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। जो भी नेता ताकतवर या प्रभावशाली हैं, उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल हो रहा है। हरीश रावत के मामले में मैं यही कहूंगा कि उन्हें जल्द से जल्द सीबीआई के नोटिस का जवाब देकर मामले को खत्म करना चाहिए। वह निर्दोष हैं, इसलिए उन्हें सीबीआई के सामने अपनी बात रखनी चाहिए ताकि केंद्र सरकार की बदनीयत सामने आ सके।