क्या उत्तराखंड में धराली आपदा के दौरान पर्यटकों ने प्रशासन का आभार व्यक्त किया?

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क्या उत्तराखंड में धराली आपदा के दौरान पर्यटकों ने प्रशासन का आभार व्यक्त किया?

सारांश

उत्तराखंड में गंगोत्री धाम में बादल फटने की घटना के बाद, पर्यटकों ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। संजय चौहान और बंटी ने साझा किए अपने अनुभव, जो इस आपदा के दौरान प्रशासन के सहयोग से सुरक्षित निकले। जानें कैसे प्रशासन ने फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाला।

Key Takeaways

  • प्रशासन की त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण थी।
  • फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
  • आपदा के दौरान स्थानीय समुदाय ने मदद की।
  • हेलीकॉप्टर
  • सुरक्षित निकासी की व्यवस्था की गई।

ऋषिकेश, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पर्यटक संजय चौहान और पंजाब के पर्यटक बंटी ने उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में हुई बादल फटने की घटना के बाद राज्य प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सहयोग की प्रशंसा की।

5 अगस्त को धराली गांव के निकट बादल फटने के कारण मलबा आने से गंगोत्री धाम का सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया था, जिससे सैकड़ों पर्यटक और तीर्थयात्री फंस गए थे।

प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा और समन्वय के साथ फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की।

संजय चौहान ने साझा किया कि 5 अगस्त को गंगोत्री धाम में प्रशासन ने उन्हें रोक लिया था, क्योंकि धराली गांव में बादल फटने से सड़क पूरी तरह से बंद हो गई थी। प्रशासन ने तीन दिनों तक गंगोत्री में रुकने और भोजन की व्यवस्था की। इसके बाद, कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें हर्षिल तक पहुंचाया गया, जहां से हेलीकॉप्टर के जरिए देहरादून एयरपोर्ट ले जाया गया। देहरादून से प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश तक सुरक्षित पहुंचाया।

संजय चौहान ने सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, "प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सहायता के कारण हम सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सके।"

वहीं, पंजाब के पर्यटक बंटी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हम गंगोत्री धाम की पैदल यात्रा पर थे। दर्शन के बाद लौटते समय धराली गांव से चार किलोमीटर नीचे उतरते वक्त हमें पहाड़ से तेजी से पानी आता दिखा। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी कि जल्दी से सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।

बंटी ने बताया कि चार-पांच किलोमीटर आगे जाने पर पता चला कि धराली गांव मलबे में दब गया है। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने हमारी बहुत मदद की। उनकी त्वरित कार्रवाई ने हमें सुरक्षित निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हम उनका आभार जताते हैं।

उत्तराखंड प्रशासन ने इस प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों में तेजी दिखाई। फंसे हुए पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए भोजन, आवास और सुरक्षित निकासी की व्यवस्था की गई। हेलीकॉप्टर और अन्य संसाधनों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

Point of View

हमें इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और स्थानीय समुदाय की सहयोग भावना को सराहना चाहिए। यह घटना दर्शाती है कि जब संकट आता है, तब समाज एकजुट होकर उसका सामना करता है।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

धराली आपदा के दौरान कितने पर्यटक फंसे थे?
धराली आपदा के दौरान सैकड़ों पर्यटक और तीर्थयात्री फंसे थे।
प्रशासन ने फंसे हुए पर्यटकों को कैसे निकाला?
प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा और समन्वय के तहत फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
क्या प्रशासन ने भोजन और आवास की व्यवस्था की थी?
हां, प्रशासन ने फंसे हुए यात्रियों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था की थी।
संजय चौहान और बंटी का अनुभव क्या था?
संजय चौहान और बंटी ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और अपने अनुभव साझा किए।
आपदा के बाद प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी दिखाई और सुरक्षित निकासी की व्यवस्था की।