क्या उत्तराखंड की महिलाओं ने पीएम मोदी के लिए विशेष राखी बनाई?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
- ईको फ्रेंडली उत्पादों का महत्व
- देशभर में बढ़ती मांग
- स्थानीय उत्पादों का समर्थन
- महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना
हल्द्वानी, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में हल्द्वानी की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रक्षाबंधन के अवसर पर रेशमी धागे से बनी राखी भेजी है। इन रेशम की राखियों की देश के कई राज्यों में भारी मांग बढ़ रही है।
रेशम विभाग के उपनिदेशक हेमचंद्र ने जानकारी दी कि इससे समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। शुद्ध रेशम से निर्मित इन राखियों को पीएम के अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री गणेश जोशी को भी भेजा गया है।
हेमचंद्र ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि पिछले साल प्रदेश में नवाचार शुरू किया गया था, जिसमें रेशम से कई आकर्षक उत्पाद बनाए गए थे। ये उत्पाद देश में पहली बार बनाए जा रहे थे। महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मात्र नौ माह में 9 लाख से अधिक का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की है।
इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर राखियाँ बनाई गई हैं। ये आकर्षक राखियाँ प्रदेश में ही नहीं, बल्कि भारत के अन्य राज्यों में भी पहुंच चुकी हैं। इस राखी की मांग देशभर में है। राखी दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, बैंगलोर, राजस्थान, लखनऊ, गुजरात और चंडीगढ़ तक भेजी गई हैं।
उन्होंने बताया कि रेशम विभाग से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं रक्षाबंधन के खास मौके पर रेशम से बनी राखी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री के लिए भेज रही हैं। इन राखियों की बिक्री से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। इन राखियों को बनाकर कुछ ही दिनों में समूह की महिलाओं ने लगभग 15 हजार के करीब का कारोबार किया है। लोगों को यह राखी पसंद आ रही हैं, जिससे समूह को लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं।
महिला सहायता समूह की अध्यक्ष किरण जोशी का कहना है कि समूह की महिलाएं पिछले कई महीनों से राखी बनाने में लगी हैं, जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल रही है। इस राखी की डिमांड देश के अन्य राज्यों से भी आ रही है। यह राखी ईको फ्रेंडली है।