क्या उत्तराखंड को ‘स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने के लिए ठोस रोडमैप तैयार होगा?: सीएम धामी
सारांश
Key Takeaways
- उत्तराखंड का विकास रोडमैप अगले 25 वर्षों के लिए तैयार किया जा रहा है।
- अध्यात्म और पर्यटन को प्राथमिकता दी जाएगी।
- स्थानीय हस्तशिल्प और संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा।
- स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने की रणनीति पर काम होगा।
- राज्य की आर्थिक विकास को सशक्त करने के लिए एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
देहरादून, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड राज्य की स्थापना के रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए सुझावों को राज्य सरकार ने अगले 25 वर्षों के विकास रोडमैप की बुनियाद मानते हुए, उन पर कार्यवाही शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रधानमंत्री के सुझावों के अनुरूप एक ठोस कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विचार उत्तराखंड के समग्र विकास का स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की आत्मा अध्यात्म, पर्यटन और प्राकृतिक संपदा में निहित है; उत्तराखंड को “स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” बनाना संभव है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र, आयुर्वेद केंद्र, नैचुरोपैथी संस्थान और होम-स्टे को मिलाकर एक संपूर्ण पर्यटन एवं वेलनेस पैकेज तैयार किया जाए। प्रत्येक वाइब्रेंट विलेज को छोटे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जहाँ स्थानीय भोजन, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जा सके।
राज्य के स्थानीय मेलों और पर्वों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए “वन डिस्ट्रिक्ट वन फेस्टिवल” अभियान शुरू किया जाएगा। पहाड़ी जिलों को हॉर्टिकल्चर हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ ब्लूबेरी, कीवी, हर्बल और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
फूड प्रोसेसिंग, हस्तशिल्प और ऑर्गेनिक उत्पादों से जुड़े एमएसएमई को सशक्त बनाकर स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे। तीर्थाटन, इको-टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और बारहमासी पर्यटन को समेकित विकास नीति के तहत आगे बढ़ाया जाएगा। उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए 5-7 प्रमुख स्थलों को विकसित करने की रूपरेखा बनाई जाएगी।
जीआई टैग प्राप्त उत्पादों और “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के तहत राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने की ठोस रणनीति बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन 2047 के ‘विकसित भारत’ के अनुरूप है, और उत्तराखंड इस दिशा में अग्रणी राज्य बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय से विस्तृत रोडमैप और टाइमलाइन आधारित एक्शन प्लान तैयार करें, ताकि इन सुझावों को धरातल पर उतारा जा सके।