क्या उत्तराखंड में सीएम धामी के निर्देश पर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री धामी ने कदाचार के मामलों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की।
- जल निगम के अधिकारी को गंभीर आरोपों में निलंबित किया गया।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
- सरकारी कार्यों में पारदर्शिता जरूरी है।
- जनता का विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
देहरादून, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर सरकारी कार्यों में कार्मिकों द्वारा किए गए कदाचार के मामलों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। इसी दिशा में, उत्तराखंड पेयजल निगम के अध्यक्ष शैलष बगोली ने जल निगम के प्रभारी मुख्य अभियंता कुमाऊं सुजीत कुमार विकास को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
अध्यक्ष द्वारा जारी किए गए ज्ञापन में बताया गया है कि सुजीत कुमार विकास के खिलाफ संजय कुमार ने शिकायत की है, जिसमें उन्होंने कहा कि वह पानी की योजनाओं में पेटी का काम करता है। 2022 में, सुजीत कुमार विकास ने संजय कुमार की फर्म मेसर्स हर्ष इंटरप्राइजेज का पंजीकरण कराने का आश्वासन दिया था।
इसके बदले में, संजय कुमार ने सुजीत के कहने पर अपनी फर्म के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ौदा से कुल 10 लाख रुपए की राशि स्थानांतरित की।
सचिव बगोली ने बताया कि उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार, मेसर्स कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज की पार्टनर सुजीत कुमार विकास की पत्नी हैं। सुजीत को स्पष्टीकरण के लिए 15 दिनों का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने अब तक कोई उत्तर नहीं दिया है।
अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि सुजीत के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और यह कर्मचारी आचरण विनियमावली का उल्लंघन दर्शाते हैं।
साथ ही, सुजीत का इस पद पर बने रहना अन्य अधिकारियों के कार्यों पर नकारात्मक असर डाल सकता है। इसीलिए, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है और वह मानव संसाधन प्रकोष्ठ में संबद्ध रहेंगे।