क्या उत्तराखंड पंचायत चुनाव में शराब और धनबल का दुरुपयोग रोकने के लिए आबकारी विभाग ने ठोस कदम उठाए?

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क्या उत्तराखंड पंचायत चुनाव में शराब और धनबल का दुरुपयोग रोकने के लिए आबकारी विभाग ने ठोस कदम उठाए?

सारांश

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों के दौरान शराब और धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए आबकारी विभाग ने विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। यह कदम चुनावों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया गया है। जनता से अपील की गई है कि वे अवैध गतिविधियों की जानकारी दें।

Key Takeaways

  • आबकारी विभाग ने विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है।
  • धनबल और शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
  • जिला आबकारी अधिकारी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
  • चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं ताकि अवैध शराब की आवाजाही पर नजर रखी जा सके।
  • प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना दें।

देहरादून, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में चल रहे पंचायत चुनावों में धनबल और शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए आबकारी विभाग ने कड़े कदम उठाए हैं। प्रदेश के सभी 12 जिलों में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो शराब के अवैध भंडारण और वितरण पर नजर रख रही है। जिला आबकारी अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि चुनाव स्वच्छ और निष्पक्ष हो।

संयुक्त आबकारी आयुक्त (कुमाऊं मंडल) केके कांडपाल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि शासन के निर्देश पर विशेष टीमें गठित की गई हैं। इनमें हाल ही में भर्ती हुए 90 आबकारी सिपाहियों को शामिल किया गया है। ये टीमें प्रदेश की सीमाओं पर और बाहर से आने वाली अवैध शराब पर कड़ी निगरानी रख रही हैं।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में जिला आबकारी अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। चुनाव के दौरान शराब के उत्पादन, भंडारण और वितरण को पूरी तरह रोकने के लिए आबकारी विभाग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्ट स्थापित किए हैं। इन चेक पोस्ट पर विशेष टीमें तैनात हैं, जो अवैध शराब की आवाजाही पर नजर रख रही हैं।

कांडपाल ने बताया कि उनकी टीमें दिन-रात सक्रिय हैं और किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में पंचायत चुनाव जीतने के लिए कथित तौर पर कुछ प्रत्याशी अनुचित तरीकों का सहारा ले रहे हैं, जिसमें शराब का वितरण भी शामिल है। इसे रोकने के लिए आबकारी विभाग और जिला प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। विभाग का लक्ष्य है कि पंचायत चुनाव पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों। इसके लिए सभी जिलों में प्रवर्तन दलों को सक्रिय किया गया है, जो शराब के अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से भी अपील की है कि वे ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत दें, ताकि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। शराब और धनबल का दुरुपयोग लोकतंत्र को कमजोर करता है। आबकारी विभाग की पहल अनुकरणीय है, और इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जाना चाहिए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

उत्तराखंड पंचायत चुनाव में शराब पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
आबकारी विभाग ने विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है जो अवैध शराब भंडारण और वितरण पर नजर रख रही है।
पंचायत चुनाव में धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए कौन जिम्मेदार है?
जिला आबकारी अधिकारी और विशेष टीमें इस दुरुपयोग को रोकने के लिए कार्यरत हैं।
क्या जनता को अवैध गतिविधियों की जानकारी देने की अपील की गई है?
हां, प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना दें।