क्या उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश ने रामनगर में जनजीवन को ठप कर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
- नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ा है।
- प्रशासन ने चेतावनी जारी की है।
- भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।
- आपातकालीन सेवाएं सक्रिय की गई हैं।
रामनगर, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में सोमवार सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने रामनगर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों में झरने और गदेरे उफान पर हैं, जबकि मैदानी इलाकों में कई स्थानों पर जलभराव के कारण स्थिति गंभीर हो गई है।
सुबह से लगातार हो रही तेज वर्षा के चलते कोसी नदी, धनगढ़ी नाला, टेड़ा नाला और रिंगोड़ा नाला जैसे कई स्थानीय नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। इनका तेज बहाव निचले क्षेत्रों के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है। कई ग्रामीण संपर्क मार्गों पर यातायात बाधित होने से लोगों को आवाजाही में कठिनाई हो रही है। जगह-जगह वाहनों की लंबी कतारें लगने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। धनगढ़ी और टेड़ा नाले का पानी रामनगर की सड़कों पर फैल जाने से पैदल और वाहन चालकों को खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ स्थानों पर लोग जान जोखिम में डालकर उफनते नालों को पार करने का प्रयास करते देखे गए, जिस पर प्रशासन ने कड़ी चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन ने सभी विभागों को सतर्क मोड में रखा है। राजस्व विभाग, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के किनारे न जाएं और अनावश्यक यात्रा से बचें। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए यात्रियों को भी सचेत किया गया है। विभाग ने अगले 24 घंटों में जिले में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है, जिससे नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसके साथ ही भूस्खलन की घटनाएं भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बारिश से पहाड़ी मिट्टी ढीली हो चुकी है, और हल्की बारिश भी मलबा खिसकने का कारण बन सकती है। लगातार बारिश के कारण स्थानीय निवासी और व्यापारी चिंता में हैं। पर्यटन कारोबार पर भी असर पड़ा है। होटल व्यवसायियों का कहना है कि बुकिंग रद्द हो रही हैं और कई पर्यटक खराब मौसम के कारण लौट गए हैं।
बारिश के बीच प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय किया है। नदी-नालों के किनारे बैनर-पोस्टर लगाकर चेतावनी दी जा रही है और आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।