क्या वडनगर आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में एक उत्कृष्ट उदाहरण है?

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क्या वडनगर आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में एक उत्कृष्ट उदाहरण है?

सारांश

वडनगर आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम, जो 2500 वर्षों की समृद्ध विरासत का संरक्षण करता है, ने 95,658 आगंतुकों को आकर्षित किया है। यह संग्रहालय न केवल ऐतिहासिक धरोहर को प्रदर्शित करता है, बल्कि शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल बन रहा है। जानिए इसके महत्व और आगामी वाइब्रेंट गुजरात कॉन्फ्रेंस में इसकी भूमिका।

Key Takeaways

  • वडनगर का ऐतिहासिक महत्व 2500 वर्षों से अधिक पुराना है।
  • आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम में 5000 से अधिक कलाकृतियाँ हैं।
  • यह संग्रहालय सभी आयु वर्ग के लिए खुला है।
  • वडनगर का सांस्कृतिक पर्यटन में महत्वपूर्ण योगदान है।
  • वाइब्रेंट गुजरात कॉन्फ्रेंस इस म्यूजियम को उजागर करेगा।

गांधीनगर, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 2500 से अधिक वर्षों से जीवंत वडनगर शहर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का अनमोल खजाना है। इस ऐतिहासिक शहर की समृद्ध विरासत का संरक्षण करने के लिए आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम, एक पुरातत्व अनुभवात्मक संग्रहालय, की स्थापना की गई है।

इस संग्रहालय का उद्घाटन 16 जनवरी, 2025 को किया गया था और इसे 1 फरवरी से आगंतुकों के लिए खोला गया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वडनगर पुरातत्व अनुभवात्मक संग्रहालय को देखने के लिए 31 अगस्त तक पूरे भारत से 95,658 लोग पहुंच चुके हैं।

आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम में आने वाले आगंतुकों की संख्या सांस्कृतिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इनमें बच्चे, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग व्यक्ति भी शामिल हैं, जो दर्शाता है कि यह म्यूजियम सभी के लिए सुलभ है। यह स्थान शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए भी तेजी से प्रसिद्ध हो रहा है।

यह म्यूजियम वडनगर की 2500 वर्ष पुरानी विरासत को दर्शाने के लिए व्यापक खुदाई के दौरान प्राप्त कलाकृतियों का संग्रह प्रस्तुत करता है। 13,525 वर्ग मीटर में फैले इस म्यूजियम में कला, स्थापत्य, व्यापार, शहरी नियोजन और भाषा आदि को प्रदर्शित करने वाली 9 थीमैटिक गैलरियां हैं। 4000 वर्ग मीटर में फैले उत्खनन स्थल पर पुरातात्विक अवशेष 16 से 18 मीटर की गहराई में देखे जा सकते हैं। आगंतुकों को वडनगर के पुरातात्विक उत्खनन से मिले अवशेषों का अनुभव देने के लिए एक स्थायी शेड और अन्य पर्यटन सुविधाएं विकसित की गई हैं।

इस म्यूजियम में मिट्टी के बर्तन, शंख निर्माण, सिक्के, आभूषण, हथियार एवं औजार, शिल्प, खेल सामग्री और खाद्यान्न एवं कंकाल के अवशेषों जैसी जैविक सामग्री सहित 5000 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। ऑडियो-विजुअल फिल्मों और प्रदर्शनियों का आकर्षण इसे इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक विशेष सौगात बनाता है।

यह उल्लेखनीय है कि आगामी 9 और 10 अक्टूबर, 2025 को मेहसाणा में उत्तर गुजरात के लिए वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) का आयोजन होने जा रहा है। इस क्षेत्रीय सम्मेलन में वडनगर आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम आकर्षण का केंद्र बनेगा, जो क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत को उजागर करेगा। जब वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस में भारत की समृद्ध पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित होगी, तब गुजरात पर्यटन के सराहनीय कार्यों भी लोगों का ध्यान आकर्षित करेंगे।

Point of View

बल्कि यह सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। इस संग्रहालय की स्थापना से न केवल स्थानीय आदान-प्रदान में वृद्धि हुई है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह संग्रहालय भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को प्रदर्शित करता है, जिसे हर नागरिक को देखना और समझना चाहिए।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

वडनगर आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम कब खोला गया?
यह म्यूजियम 1 फरवरी, 2025 को आम जनता के लिए खोला गया।
इस म्यूजियम में कितनी कलाकृतियाँ हैं?
इसमें 5000 से अधिक कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं।
क्या यह म्यूजियम सभी लोगों के लिए सुलभ है?
हाँ, यह म्यूजियम सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सुलभ है।
वडनगर का पुरातात्विक महत्व क्या है?
वडनगर का पुरातात्विक महत्व इसके 2500 साल पुरानी विरासत में निहित है।
वाइब्रेंट गुजरात कॉन्फ्रेंस कब होगी?
यह कॉन्फ्रेंस 9 और 10 अक्टूबर, 2025 को मेहसाणा में होगी।