क्या वैली ऑफ वर्ड्स के 10वें वर्ष का आगाज हरदीप सिंह पुरी ने 'दशम' पोर्टल को लॉन्च करके किया?
सारांश
Key Takeaways
- वैली ऑफ वर्ड्स का 10वां वर्ष महत्वपूर्ण है।
- 'दशम' पोर्टल का उद्घाटन भारतीय संस्कृति की दिशा को दर्शाता है।
- यह पहल साहित्य और कला को वैश्विक स्तर पर सशक्त करेगी।
- हरदीप सिंह पुरी ने इस यात्रा को सराहा।
- भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना है।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। साहित्य और कला के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान बनाने वाले 'वैली ऑफ वर्ड्स' ने अपने 10वें वर्ष का भव्य आगाज किया है। इस खास मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने कार्यालय में वैली ऑफ वर्ड्स के क्यूरेटर संजीव चोपड़ा और उनकी टीम के साथ मिलकर 'दशम' पोर्टल का उद्घाटन किया।
यह पोर्टल संस्था की दस वर्षों की यात्रा और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
हरदीप सिंह पुरी ने 'एक्स' पोस्ट के माध्यम से बताया कि पिछले 9 वर्षों में वैली ऑफ वर्ड्स एक अनोखी, गैर-लाभकारी और स्वयंसेवकों द्वारा संचालित पहल के रूप में विकसित हुआ है। इस मंच ने लेखकों, कलाकारों, समीक्षकों, रंगकर्मियों, शिल्पकारों, पाठकों और श्रोताओं को एकत्रित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
वैली ऑफ वर्ड्स का साहित्य एवं कला महोत्सव न केवल रचनात्मक संवाद का एक बड़ा मंच बना है, बल्कि इसके अंतर्गत आयोजित वार्षिक पुस्तक पुरस्कार भी साहित्य जगत में एक विशेष पहचान बना चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 'दशम' पोर्टल संस्था के 10वें वर्ष की दिशा और दृष्टि को परिभाषित करता है। इसका लक्ष्य भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों को आगे बढ़ाना है, साथ ही समृद्ध और जीवंत हिंदी साहित्य को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित करना है।
नया 'दशम' पोर्टल शिक्षा जगत और विचार-विमर्श के लिए वैश्विक स्तर पर पहुंच को और मजबूत करेगा। इससे न केवल भारत के साहित्य और कला को अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा, बल्कि देश की सॉफ्ट पावर भी और सशक्त होगी।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ऐसे समय में वैली ऑफ वर्ड्स जैसी पहलें भारत की सांस्कृतिक शक्ति को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने वैली ऑफ वर्ड्स की पूरी टीम को इस सफल यात्रा के लिए बधाई दी और आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में यह मंच भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।
इस 'दशम' पोर्टल के माध्यम से भारतीय विचार, भाषा और रचनात्मकता को दुनिया भर में अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सकेगा।