क्या वाराणसी में बूचड़खाने की जगह खुला 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' लोगों को राहत देगा?

सारांश
Key Takeaways
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर का उद्घाटन स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाएगा।
- यह केंद्र स्थानीय निवासियों के लिए एक सुविधाजनक चिकित्सा विकल्प बनेगा।
- बूचड़खाने की जगह अब एक स्वस्थ चिकित्सा इकाई बन गई है।
- जल्द ही प्रसव केंद्र का भी निर्माण किया जाएगा।
- स्थानीय लोगों की सेहत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वाराणसी, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। वाराणसी दक्षिणी विधानसभा के निवासियों के लिए एक सुखद समाचार आया है। यहां 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' की स्थापना से लोग अब डॉक्टरों की निगरानी में बेहतर इलाज प्राप्त कर सकेंगे।
आदि विशेश्वर वार्ड में पत्थर गली के अवैध बूचड़खाने को हटाकर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया है। इस स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन स्थानीय विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने किया। यहां पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग ओपीडी, दवा वितरण और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। पहले गंदगी के लिए बदनाम यह क्षेत्र अब एक स्वच्छ चिकित्सा इकाई में बदल गया है, जिसका स्थानीय लोग स्वागत कर रहे हैं।
डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि कई लोग अपने घर बेचकर अन्य स्थानों पर चले गए थे। बूचड़खाने की समस्या से स्थानीय लोग बहुत परेशान थे। सरकार के प्रयासों से इसे बंद कराया गया है। अब लोग बिना किसी परेशानी के रह सकते हैं और स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्वास्थ्य केंद्र से वाराणसी में हजारों लोगों को लाभ होगा।
इसके अलावा, विधायक ने बताया कि जल्द ही इस आरोग्य केंद्र के पहले तल पर प्रसव केंद्र का निर्माण किया जाएगा, जिससे यहां किलकारियां गूंजेंगी।
स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा स्टाफ गोपाल यादव ने कहा कि यहां रोजाना 30 मरीज स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए आते हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र के बारे में जानकारी मिलने पर मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। 19 जून को इसका उद्घाटन किया गया था।
स्थानीय निवासी बबलू ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र खुलने से उन्हें बहुत राहत मिली है। पहले उन्हें बहुत दूर जाना पड़ता था। अब नजदीक स्वास्थ्य केंद्र खुल जाने से उन्हें अच्छा लग रहा है।
जावेद ने बताया कि पहले यहां बूचड़खाना था और लोगों को काफी दिक्कत होती थी। स्वास्थ्य केंद्र बनने से वह खुश हैं और अब उन्हें इलाज के लिए दूर-दूर नहीं जाना पड़ेगा।