क्या वेरिकोस वेन्स : पैरों की उभरी नसें सिर्फ सौंदर्य ही नहीं, सेहत के लिए भी खतरा हैं?

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क्या वेरिकोस वेन्स : पैरों की उभरी नसें सिर्फ सौंदर्य ही नहीं, सेहत के लिए भी खतरा हैं?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि पैरों की उभरी नसें केवल सौंदर्य की समस्या नहीं हैं? यह रक्त संचार के गंभीर मुद्दों का भी संकेत दे सकती हैं। जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार के उपाय।

Key Takeaways

  • नसों का सूजना स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकेत हो सकता है।
  • लंबे समय तक खड़े या बैठे रहना एक मुख्य कारण है।
  • आयुर्वेदिक उपाय जैसे अश्वगंधा और शतावरी सहायक हो सकते हैं।
  • हर्बल ऑयल मालिश सूजन को कम कर सकती है।
  • जल्दी उपचार न कराने पर यह अल्सर का कारण बन सकता है।

नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नसों का सूज जाना (वेरिकोस वेन्स) आजकल एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या बनती जा रही है। अनेक लोग पैरों में उभरी हुई नीली, टेढ़ी-मेढ़ी नसों को केवल एक सामान्य परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह शरीर का एक संकेत है कि रक्त प्रवाह सही ढंग से नहीं हो रहा है।

असल में, हमारी नसों में छोटे-छोटे वाल्व होते हैं जो रक्त को दिल की ओर ले जाने का कार्य करते हैं। जब ये वाल्व कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तब रक्त नीचे की ओर जमा होने लगता है, जिससे नसें फूल जाती हैं और इसे वेरिकोस वेन्स कहा जाता है।

इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे लंबे समय तक खड़े या बैठे रहना, अधिक वजन होना, गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन या परिवार में किसी को यह समस्या होना। कभी-कभी पुराने ब्लड क्लॉट या सूजन के कारण भी नसें स्थायी रूप से कमजोर हो जाती हैं।

इसकी लक्षणों में पैरों में भारीपन या दर्द, उभरी हुई नसें, जलन, झनझनाहट, रात में ऐंठन और त्वचा का रंग बदलना शामिल हैं। यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह अल्सर या संक्रमण का कारण भी बन सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार, वेरिकोस वेन्स की समस्या वात दोष के असंतुलन से उत्पन्न होती है। इसके लिए कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय बहुत प्रभावी हैं। जैसे कि अश्वगंधा और शतावरी नसों को मजबूत बनाते हैं और रक्त प्रवाह को सुधारते हैं। गोटू कोला (मंडूकपर्णी) नसों की लचीलापन बढ़ाता है और इसे प्राकृतिक टॉनिक माना जाता है। त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और रक्त शुद्ध होता है।

इसके अलावा, हर्बल ऑयल मसाज यानी अभ्यंग भी बहुत प्रभावी है। तिल का तेल, नारियल का तेल या सहचरादि तेल से पैरों की हल्की मालिश करने से सूजन कम होती है और रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। लहसुन और नींबू का मिश्रण रक्त को पतला रखता है और थक्के बनने से रोकता है। वहीं, एलोवेरा जेल का उपयोग करने से जलन और सूजन में राहत मिलती है।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। लोगों को इसके लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूक करना आवश्यक है, ताकि वे समय पर चिकित्सा सहायता ले सकें।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

वेरिकोस वेन्स क्या होते हैं?
वेरिकोस वेन्स ऐसी नसें होती हैं जो सूज जाती हैं और सामान्य से अधिक उभरी हुई दिखाई देती हैं।
क्या यह समस्या गंभीर हो सकती है?
हाँ, यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह अल्सर या संक्रमण का कारण बन सकती है।
इसकी रोकथाम कैसे की जा सकती है?
लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने से बचें, नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ आहार अपनाएं।
क्या आयुर्वेदिक उपचार प्रभावी हैं?
हाँ, अश्वगंधा, शतावरी और गोटू कोला जैसे आयुर्वेदिक उपाय नसों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।
क्या घरेलू उपाय भी हैं?
हां, हर्बल ऑयल से मालिश और लहसुन-नींबू का मिश्रण भी फायदेमंद हो सकता है।