क्या सीपीआईएम ने चुनाव आयोग से बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई की अपील की?

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क्या सीपीआईएम ने चुनाव आयोग से बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई की अपील की?

सारांश

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी (सीपीआईएम) ने चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल के दो बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। क्या यह एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है? जानिए इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • सीपीआईएम ने चुनाव आयोग से बीडीओ के खिलाफ शिकायत की है।
  • वर्चुअल संगठनात्मक बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
  • पश्चिम बंगाल में एसआईआर एक विवादास्पद मुद्दा रहा है।
  • हेल्प डेस्क मतदाताओं की सहायता के लिए खोले जाएंगे।
  • राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

कोलकाता, १ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी (सीपीआईएम) ने चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले में दो ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारियों (बीडीओ) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

इन बीडीओ पर आरोप है कि उन्होंने स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व को अपनी ऑफिस के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की अनुमति दी, ताकि पार्टी की वर्चुअल संगठनात्मक बैठक में भाग लिया जा सके, जिसकी अध्यक्षता पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने की थी।

सीपीआईएम के सदस्य और पार्टी के पश्चिम बंगाल सचिव, मोहम्मद सलीम ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने और संबंधित बीडीओ के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

अपनी शिकायत के साथ, सलीम ने इस आरोप को साबित करने के लिए सबूत की एक कॉपी भी संलग्न की।

सीपीआईएम पोलित ब्यूरो सदस्य ने पूछा, "बीडीओ ऑफिस में पार्टी मीटिंग की जगह क्यों दी गई?"

साथ ही, उन्होंने पश्चिम बंगाल के सीईओ से उन बीडीओ के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।

अभिषेक बनर्जी की अध्यक्षता में इस वर्चुअल बैठक में, उन्होंने पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के लिए तृणमूल कांग्रेस के नेताओं, चुने हुए प्रतिनिधियों, राज्य कैबिनेट के सदस्यों और जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों को तय किया, जिसका पहला चरण ४ नवंबर से शुरू होगा।

मीटिंग में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव ने पार्टी के बूथ-स्तरीय एजेंटों को एसआईआर अभियान के दौरान ईसीआई द्वारा नियुक्त बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) पर नज़र रखने का निर्देश दिया।

एक पार्टी नेता ने कहा, "इस वर्चुअल मीटिंग में यह भी तय किया गया कि तृणमूल कांग्रेस ४ नवंबर से पूरे राज्य में मतदाताओं की मदद के लिए क्षेत्र-वार हेल्प डेस्क खोलेगी, जो पूरे एसआईआर अभियान के अंत तक काम करेंगे। राज्य में कुल ६,२०० हेल्प डेस्क होंगे। ये हेल्प डेस्क ४ नवंबर से ४ दिसंबर तक रोज़ सुबह ९ बजे से शाम ५ बजे तक कार्य करेंगे।"

पश्चिम बंगाल में पिछली बार एसआईआर २००२ में हुआ था।

वर्तमान एसआईआर २००२ की वोटर लिस्ट को आधार बनाकर किया जा रहा है।

शुरू से ही एसआईआर पश्चिम बंगाल में एक विवादित मुद्दा रहा है।

तृणमूल कांग्रेस ने एसआईआर को पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने की एक अप्रत्यक्ष चाल बताया है।

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस एसआईआर का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि उसे डर है कि अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे।

Point of View

NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

सीपीआईएम ने चुनाव आयोग से क्या मांगा?
सीपीआईएम ने चुनाव आयोग से दो बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
वर्चुअल बैठक में क्या चर्चा हुई?
बैठक में एसआईआर के लिए जिम्मेदारियों का निर्धारण किया गया।