क्या विपक्ष पर राजीव रंजन का निशाना सही है? विजय सिन्हा के काफिले पर हमला तो बस जंगलराज का ट्रेलर?
सारांश
Key Takeaways
- राजीव रंजन का एनडीए के समर्थन में बयान
- विजय सिन्हा के काफिले पर हमले का संदर्भ
- जंगलराज की वापसी का डर
- राजद की आंतरिक स्थिति
- वंदे मातरम् अभियान का महत्व
पटना, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद राजनीतिक हलचल में वृद्धि हुई है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस बार का मतदान ऐतिहासिक है और यह सीधे तौर पर एनडीए के पक्ष में जा रहा है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, "यह अभूतपूर्व मतदान है और इससे स्पष्ट है कि 2010 से भी बेहतर परिणाम सामने आएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफल जोड़ी ने बिहार की तस्वीर को बदल दिया है।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि जनता विकास और स्थिरता के नाम पर एनडीए को स्पष्ट समर्थन दे रही है।
जदयू प्रवक्ता ने डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के काफिले पर हुए हमले को 'जंगल राज' के समर्थकों की मानसिकता बताया।
उन्होंने कहा, "जंगल राज के समर्थकों की आदतें कभी भी नहीं बदलेंगी। यह तो बस एक ट्रेलर है। अगर गलती से भी ऐसी ताकतों को सत्ता की चाबी मिल गई, तो पूरे बिहार में ऐसे दृश्य देखने को मिलेंगे। जनता इन चोरों को पहचानती है, इसलिए राजद और कांग्रेस का बिहार में कोई भविष्य नहीं है।"
राजद में अंदरूनी कलह पर राजीव रंजन ने कहा कि पार्टी पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी है। उन्होंने कहा, "राजद के भीतर पूरी अराजकता है। उनके उम्मीदवार भी अंदरूनी विश्वासघात के डर से परेशान हैं। उनकी सरकार बनने का सवाल ही नहीं उठता।"
वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चल रहे मेगा अभियान पर जदयू प्रवक्ता ने कहा, "यह अभियान जनता के भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। ऐसे गीत आजादी की लड़ाई में हमारे क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की हमें याद दिलाते हैं। नई पीढ़ी के लिए जरूरी है कि वे यह समझें कि आजादी के लिए लोगों ने कितनी तकलीफें सही थीं।"