क्या प्रवीण खंडेलवाल ने वोट चोरी के आरोपों पर सही जवाब दिया?
सारांश
Key Takeaways
- प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस को परिवारवाद से बाहर आने की सलाह दी।
- कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति है।
- बिहार चुनाव की हार के बाद कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए।
- 2014 के चुनावों में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए गए।
- भारत की सेना और न्यूक्लियर सेक्टर की सुरक्षा पर भी चर्चा की गई।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर कड़ा जवाब दिया। बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार की समीक्षा के बाद उठाए गए इन आरोपों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं को अब आत्मचिंतन करना चाहिए।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में खंडेलवाल ने कहा कि वह राष्ट्रीय पार्टी, जिसने 6 से 7 दशकों तक देश पर शासन किया, आज उसकी स्थिति छोटे स्तर की पार्टी से भी नीचे आ गई है। भाजपा पर आरोप लगाने से कोई लाभ नहीं होगा। जब तक कांग्रेस एक परिवार की छाया में है, तब तक प्रगति संभव नहीं है। कांग्रेस को परिवारवाद से बाहर निकलकर जनता के बीच आना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता भ्रमित हैं। बिहार में करारी हार के बावजूद किसी को भी एक परिवार पर सवाल उठाने की हिम्मत नहीं है, और यही परिवारवाद कांग्रेस को डुबोने वाला है।
कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर चल रहे विवाद पर खंडेलवाल ने कहा कि जब पार्टी गंभीर निराशा में होती है और नेतृत्व सही नहीं होता, तो नेताओं में कलह होती है। यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, लेकिन जिस तरह से शब्दों के बाण चलाए जा रहे हैं, उससे उनकी असलियत सामने आई है।
2014 के चुनाव में सीआईए–मोसाद की भूमिका पर उन्होंने कहा कि जिस चुनाव का वह जिक्र कर रहे हैं, उस समय किस पार्टी की सरकार थी? तब कांग्रेस की सरकार थी, तो क्या उनकी मिलीभगत से ऐसा हुआ? अपनी हार को स्वीकार न करना और इसका दोष भाजपा पर थोपना उनकी आदत बन गई है। इसके बाद के चुनावों में भाजपा की लगातार जीत हुई है, जिससे स्पष्ट है कि देश की जनता को पीएम मोदी पर भरोसा है।
उन्होंने कहा कि हमारी सेना देश की सबसे अच्छी सेनाओं में से एक है। देश चारों ओर से सुरक्षित है। न्यूक्लियर सेक्टर में प्राइवेटाइजेशन के मुद्दे पर खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस पर बयान दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत के न्यूक्लियर सेक्टर को किस प्रकार और अधिक मजबूत किया जाए।