वोटर लिस्ट से घुसपैठियों के नाम काटने पर विपक्ष को क्यों हो रही है परेशानी?

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वोटर लिस्ट से घुसपैठियों के नाम काटने पर विपक्ष को क्यों हो रही है परेशानी?

सारांश

क्या बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय सरावगी का आरोप सही है कि विपक्ष केवल एसआईआर के मुद्दे पर घुसपैठियों के नाम काटने से परेशान है? पढ़ें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • एसआईआर का उद्देश्य वोटर लिस्ट की शुद्धिकरण है।
  • विपक्ष को बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुद्दे पर चिंता है।
  • चुनाव आयोग वोटर लिस्ट को नियमित रूप से अपडेट करता है।
  • जनता समय आने पर चुनाव में अपना फैसला सुनाएगी।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय सरावगी ने एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब एसआईआर के माध्यम से वोटर लिस्ट की शुद्धिकरण और घुसपैठियों के नाम काटे जा रहे हैं, तो विपक्ष को परेशानी क्यों हो रही है।

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर को लेकर ममता बनर्जी केंद्र और चुनाव आयोग पर लगातार हमला कर रही हैं। पहले, बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी इंडी अलायंस ने एसआईआर का मुद्दा उठाया था। हालांकि, इस चुनाव में विपक्ष को इसका कोई विशेष फायदा नहीं मिला। बिहार चुनाव के परिणाम विपक्ष की अपेक्षाओं के विपरीत आए और एनडीए सरकार ने सत्ता में वापसी की।

नई दिल्ली में संजय सरावगी ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि बिहार में भी राहुल गांधी ने इसी मुद्दे पर यात्रा की थी। यह असल में कोई जनहित का मुद्दा नहीं है। बिहार चुनावों में किसी ने भी शिकायत नहीं की कि वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब था या वे वोट नहीं दे पाए। विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। वे केवल चाहते हैं कि बांग्लादेशी या रोहिंग्या वोटर लिस्ट में बने रहें। यह संभव नहीं है। चुनाव आयोग पूरे देश में वोटर लिस्ट को नियमित रूप से अपडेट और सही करता है, जो बिहार और बंगाल में भी हो रहा है। यह एक संवैधानिक और सही प्रक्रिया है।

संजय सरावगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देशहित में कार्य हो रहा है। एसआईआर भी देशहित में है, लेकिन विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा का विरोध करते-करते विपक्ष भारत का विरोध करने लगा है। बिहार में एसआईआर की यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। विपक्ष को क्या समस्या है?

बिहार भाजपा के अध्यक्ष ने कहा कि जनता समय आने पर विपक्ष का सूपड़ा साफ कर देगी। बिहार विधानसभा चुनाव को विपक्ष को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि बंगाल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या का नाम काटा जा रहा है, तो घबराने की क्या बात है? यदि नाम सही है और वह बंगाल का निवासी है, तो उसे मौका दिया जाएगा। विपक्ष को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि यदि वे गलत मुद्दों के साथ जनता के बीच जाएंगे, तो जनता इंतजार करती है और फिर करारा जवाब देती है, जैसा कि बिहार में दिया।

Point of View

और इसे सभी पक्षों को समर्थन करना चाहिए।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या एसआईआर का मुद्दा बिहार में महत्वपूर्ण है?
हां, एसआईआर का मुद्दा बिहार में राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
विपक्ष को एसआईआर पर क्यों आपत्ति है?
विपक्ष का कहना है कि एसआईआर से घुसपैठियों के नाम काटे जा रहे हैं, जिससे उनके वोटर प्रभावित हो सकते हैं।
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