क्या राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने 8 महीनों में 45 करोड़ रुपए का रिफंड दिलवाया?
सारांश
Key Takeaways
- एनसीएच ने 45 करोड़ रुपए का रिफंड दिलाया।
- 32 करोड़ रुपए ई-कॉमर्स से संबंधित हैं।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत त्वरित समाधान।
- 17 भाषाओं में शिकायत दर्ज की जा सकती हैं।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने पिछले 8 महीनों में 31 विभिन्न क्षेत्रों में 45 करोड़ रुपए का रिफंड उपभोक्ताओं को वापस दिलवाया है। यह जानकारी उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा शनिवार को दी गई।
मंत्रालय ने यह बताया कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच), देश भर में उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
25 अप्रैल से 26 दिसंबर 2025 तक के आठ महीने की अवधि में, हेल्पलाइन ने 31 क्षेत्रों में राशि वापसी से संबंधित 67,265 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान करते हुए 45 करोड़ रुपए का रिफंड दिलवाया है।
इस रिफंड में से 32 करोड़ रुपए की राशि ई-कॉमर्स क्षेत्र से है, जबकि 3.5 करोड़ रुपए का रिफंड यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में दिया गया है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत मुकदमेबाजी से पहले, एनसीएच विवादों के त्वरित, किफायती और सौहार्दपूर्ण समाधान की प्रक्रिया को सक्षम बनाती है, जिससे उपभोक्ता आयोगों पर बोझ कम होता है।
इसके अलावा, एनसीएच ने एजेंसी सेवाओं के लिए 1.3 करोड़ रुपए, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए 1.1 करोड़ रुपए और एयरलाइंस से 95 लाख रुपए का रिफंड दिलवाया है।
सरकार ने बताया कि इस उपलब्धि का एक प्रमुख कारण साझेदारों की संख्या में वृद्धि है, जिससे उपभोक्ताओं की शिकायतों का प्रभावी समाधान संभव हुआ है। यह संबंधित हितधारकों की भागीदारी को दर्शाता है, जो उपभोक्ता कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है।
उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1915 के माध्यम से 17 भाषाओं में शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। शिकायतें एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र (आईएनजीआरएएम) के माध्यम से भी दर्ज की जा सकती हैं। इसके लिए कई माध्यम उपलब्ध हैं, जिनमें व्हाट्सएप (8800001915), एसएमएस (8800001915), ईमेल, एनसीएच ऐप, वेब पोर्टल और उमंग ऐप शामिल हैं, जो उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करते हैं।