क्या वृंदावन को बिजली संकट से राहत मिलेगी? 'पागल बाबा विद्युत उपकेंद्र' का उद्घाटन

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क्या वृंदावन को बिजली संकट से राहत मिलेगी? 'पागल बाबा विद्युत उपकेंद्र' का उद्घाटन

सारांश

वृंदावनवासियों के लिए एक राहत की खबर आई है। 'पागल बाबा विद्युत उपकेंद्र' के उद्घाटन से अब उन्हें बिजली की कटौती और ओवरलोडिंग जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी। जानिए इस उपकेंद्र के महत्व और इसकी विशेषताओं के बारे में।

Key Takeaways

  • वृंदावन में बिजली संकट का समाधान
  • पागल बाबा विद्युत उपकेंद्र की उद्घाटन
  • 28 मेगावाट की क्षमता
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में सुधार
  • श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएँ

मथुरा, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लंबे समय से बिजली की कटौती और ओवरलोडिंग जैसी समस्याओं का सामना कर रहे वृंदावनवासियों को अब सुखद राहत मिलने जा रही है। शनिवार को उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने 'पागल बाबा विद्युत उपकेंद्र' का उद्घाटन किया।

यह अत्याधुनिक विद्युत उपकेंद्र 11 करोड़ 26 लाख रुपए की लागत से तैयार हुआ है और इसकी क्षमता 28 मेगावाट है, जो वृंदावन जैसे धार्मिक और जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

उद्घाटन के बाद, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि वृंदावन क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को मजबूत करने के लिए पहले सभी सबस्टेशनों की क्षमता को 3 एमवीए तक बढ़ाया गया था। अब, इस नए उपकेंद्र में दो आधुनिक 5 एमवीए के ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं, जिससे ओवरलोड की समस्या समाप्त होगी। ट्रिपिंग और बार-बार की कटौती से लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्र केवल वृंदावनवासियों के लिए नहीं, बल्कि यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा, जो हर साल बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रा के लिए आते हैं।

मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने इस अवसर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आखिरकार वृंदावन को एक ऐसा बड़ा उपकेंद्र मिल गया जिसकी वर्षों से आवश्यकता थी। पहले यहां बिजली की समस्याएं बहुत अधिक थीं, लेकिन अब इस उपकेंद्र से गुणवत्तापूर्ण और निरंतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। यह मेरे वर्षों के प्रयास का परिणाम है। उन्होंने आगे कहा कि वृंदावन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र है। इसलिए यहां की आधारभूत संरचना को बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकता रही है।

इस उपकेंद्र के चालू होने से वृंदावन शहर के विभिन्न हिस्सों में बिजली की लो-वोल्टेज, ट्रिपिंग, ओवरलोडिंग जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी। साथ ही यहां के मठ-मंदिरों, धर्मशालाओं, स्कूलों, अस्पतालों और बाजार क्षेत्रों को भी निर्बाध बिजली मिल सकेगी। यह विकास न केवल स्थानीय निवासियों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि वृंदावन आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को भी बेहतर अनुभव देगा।

Point of View

यह कहा जा सकता है कि वृंदावन में बिजली संकट का समाधान एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि यहाँ आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों के लिए भी आवश्यक था। इस प्रकार के विकास से धार्मिक स्थलों की आधारभूत संरचना में सुधार होगा, जो अंततः देश की समग्र प्रगति का प्रतीक है।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

पागल बाबा विद्युत उपकेंद्र कब उद्घाटन हुआ?
यह उपकेंद्र 19 जुलाई को उद्घाटन हुआ।
उपकेंद्र की लागत क्या है?
इसकी लागत 11 करोड़ 26 लाख रुपए है।
इस उपकेंद्र से किन समस्याओं का समाधान होगा?
यह उपकेंद्र बिजली की कटौती, ओवरलोडिंग और ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का समाधान करेगा।
उपकेंद्र की क्षमता क्या है?
इसकी क्षमता 28 मेगावाट है।
यह उपकेंद्र किसके लिए लाभकारी है?
यह उपकेंद्र वृंदावनवासियों और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लाभकारी है।