क्या पश्चिम बंगाल में एसआईआर पर सियासत गरमाई है? तृणमूल विधायक का वीडियो विवाद में
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में एसआईआर के दौरान राजनीतिक तनाव बढ़ा है।
- तृणमूल विधायक का विवादास्पद वीडियो वायरल हुआ है।
- भाजपा ने विधायक के बयान की कड़ी निंदा की है।
- यह घटना लोकतंत्र के मूल्यों के लिए चिंता का विषय है।
- राजनीतिक ध्रुवीकरण की स्थिति बढ़ रही है।
कोलकाता, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रारंभ होने के साथ ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर वोटों में धांधली का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस की विधायक असीमा पात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।
इस वायरल वीडियो में वह लोगों से यह कहते हुए नजर आ रही हैं कि अगर कोई भाजपा नेता मतदाता सूची से लोगों के नाम हटाने की कोशिश करे, तो उसे पेड़ से बांध देना चाहिए। हालांकि, वीडियो में दिखाए गए तथ्यों की सत्यता की पुष्टि अभी तक नहीं की जा सकी है।
सूत्रों के अनुसार, यह वीडियो बुधवार को हुगली जिले के चिनसुराह में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के खिलाफ आयोजित एक विरोध रैली के दौरान रिकॉर्ड किया गया। विधायक ने कहा, "बीजेपी के जो लोग चिनसुराह में वोटरों के नाम हटाना चाहते हैं, उन्हें देखते ही पेड़ों से बांध दो। उनके लिए कोई रियायत नहीं होनी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं चिनसुराह के सभी नेताओं से कहूंगी कि अगर आप टाउन ब्लॉक में बीजेपी के लोगों को देखें, तो उन नेताओं को देखते ही पेड़ों से बांध दें। वे बंगाल के लोगों के नाम हटाना चाहते हैं।"
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राज्य समिति के सदस्य स्वपन पाल ने सवाल उठाते हुए कहा, "क्या धनियाखाली विधायक ने पश्चिम बंगाल का लोकतंत्र चुरा लिया है? यहाँ तालिबान का राज है। देश में अन्य 12 राज्यों में एसआईआर हो रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल को ही समस्याएँ आ रही हैं।"
यह पहली बार नहीं है जब तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी नेताओं को ऐसी धमकियाँ दी हैं। पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी कहा था कि अगर बीजेपी नेता असली नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाने की कोशिश करें, तो उन्हें सबक सिखाना चाहिए।