क्या वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे 2025 पर हड्डियों को मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे मिलेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- ऑस्टियोपोरोसिस
- आयुर्वेदिक उपायों जैसे तेल मालिश और हर्बल दवाएं
- सही खानपान से हड्डियों को मजबूती मिलती है।
- महिलाओं में 50 वर्ष की उम्र के बाद खतरा बढ़ जाता है।
- हर साल 20 अक्टूबर को इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष 20 अक्टूबर को 'वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे' मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को हड्डियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। आजकल कई लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं, विशेषकर महिलाओं में 50 वर्ष की उम्र के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या अधिक देखने को मिलती है।
ऑस्टियोपोरोसिस को सामान्य भाषा में समझें तो यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, उनका घनत्व घट जाता है और थोड़ी सी चोट या दबाव से भी फ्रैक्चर हो सकता है। अक्सर लोग इसके बारे में तब तक नहीं जानते जब तक हड्डी नहीं टूट जाती, इसलिए इसे खामोश बीमारी भी कहा जाता है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी उम्र बढ़ने, हार्मोनल बदलाव और कैल्शियम या विटामिन डी की कमी से संबंधित है। आमतौर पर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर इस बीमारी के प्रारंभिक संकेत होते हैं। झुककर चलना, बार-बार दर्द रहना या चोट के बाद धीरे-धीरे ठीक होना इसके लक्षण हो सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस का सीधा संबंध वात दोष के असंतुलन से होता है। जब वात दोष बढ़ता है, तो शरीर की मजबूती कम होने लगती है और हड्डियों का घनत्व घटने लगता है।
दिलचस्प बात यह है कि यह धारणा आधुनिक विज्ञान से भी मेल खाती है, क्योंकि विज्ञान भी कहता है कि उम्र और हार्मोनल परिवर्तन हड्डियों को प्रभावित करते हैं।
आयुर्वेद में इस बीमारी को रोकने और ठीक करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। पहले नंबर पर है रसायन चिकित्सा, यानी शरीर को भीतर से मजबूत बनाना। यह उम्र से संबंधित गिरावट को धीमा करती है।
दूसरा उपाय है तेल मालिश। महानारायण तेल, दशमूल तेल या चंदनाबाला लक्षादि तेल से मालिश करने से हड्डियों और जोड़ों को गहराई से पोषण प्राप्त होता है।
तीसरा उपाय है हर्बल दवाएं, जैसे लक्षा गुग्गुलु, महायोगराज गुग्गुलु, प्रवला पिष्टी और मुक्ता शुक्ति भस्म। ये पारंपरिक औषधियां हड्डियों की मजबूती बढ़ाने में मदद करती हैं।
साथ ही खानपान और जीवनशैली पर भी ध्यान दिया गया है। आयुर्वेद कहता है कि घोड़ा चना, अदरक, लहसुन, ड्रमस्टिक और ऐश लौकी जैसे खाद्य पदार्थ हड्डियों को मजबूत करते हैं। अनार, आम और अंगूर जैसे फल शरीर में पौष्टिकता बनाए रखते हैं।