क्या यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद राहत और बचाव कार्य जारी हैं?

Click to start listening
क्या यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद राहत और बचाव कार्य जारी हैं?

सारांश

यमुना का जलस्तर घटने के बाद भी राहत कार्यों की गति में कोई कमी नहीं आई है। प्रशासन ने प्रभावित गांवों में सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित की हैं। जानिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन की क्या तैयारियां हैं।

Key Takeaways

  • यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद राहत कार्य जारी हैं।
  • प्रशासन ने 20 गांवों की निगरानी की है।
  • 16 शरणालयों में सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
  • 4 बचाव दल तैनात हैं।
  • स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।

नोएडा, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमुना नदी का जलस्तर लगातार घटता जा रहा है, फिर भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। जिलाधिकारी मेधा रूपम के निर्देशानुसार, जिला प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ प्रभावित गांवों की निगरानी कर रहा है।

प्रशासन ने जानकारी दी है कि जनपद के 20 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें तहसील सदर के 12, तहसील दादरी के 6 और तहसील जेवर के 2 गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों की कुल जनसंख्या लगभग 3,845 है, जिनमें से करीब 3,465 लोग सुरक्षित शरणालयों में रह रहे हैं।

प्रशासन ने विस्थापितों के लिए 16 शरणालय खोले हैं, जिनमें तहसील दादरी के 8, सदर के 6 और जेवर के 2 शरणालय शामिल हैं। इन शरणालयों में पेयजल, स्वच्छता, भोजन और पशुओं के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। कम्युनिटी किचन के माध्यम से प्रभावित परिवारों को नाश्ता, लंच पैकेट और रात का खाना नियमित रूप से दिया जा रहा है।

अब तक प्रशासन ने तहसील दादरी में 242 और तहसील सदर में 470, यानी कुल 712 राहत किट वितरित की हैं। प्रशासन ने 107 व्यक्तियों और 106 पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पशुओं की सुरक्षा के लिए सेक्टर-135 ग्रीन बेल्ट, पुश्ता रोड पर एक पशु शिविर स्थापित किया गया है, जहां लगभग 1,471 गोवंश को सुरक्षित रखा गया है।

प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी के लिए जिले में कुल 19 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। इनमें तहसील सदर में 6, दादरी में 8 और जेवर में 5 चौकियां शामिल हैं। यहां संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी तीन शिफ्टों में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देशन में 6 स्थानों पर 9 मेडिकल रिस्पॉन्स टीम गठित की गई हैं, जो अलग-अलग शरणालयों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। दवाओं और एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ की 1 टीम, एसडीआरएफ की 2 टीमें और पीएसी 44 बटालियन की 1 टीम सहित कुल 4 बचाव दल 16 नावों के साथ तैनात किए गए हैं।

इनके सहयोग के लिए आपदा मित्र और होमगार्ड भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय किया है, जिसके तीन हेल्पलाइन नंबर, 0120-2978231, 2978232 और 2978233, 24 घंटे संचालित हो रहे हैं।

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हालात सामान्य होने तक राहत और बचाव कार्य लगातार जारी रहेंगे और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

Point of View

NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

यमुना का जलस्तर क्यों घट रहा है?
यमुना का जलस्तर घटने का मुख्य कारण बारिश का कम होना और पानी का सही प्रबंधन है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कितने शरणालय हैं?
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 16 शरणालय संचालित किए जा रहे हैं।
प्रशासन राहत कार्यों में क्या कर रहा है?
प्रशासन ने राहत किट वितरण, शरणालयों में सुविधाएं और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की हैं।
क्या प्रशासन ने पशुओं के लिए कोई व्यवस्था की है?
हां, प्रशासन ने पशुओं के लिए भी शिविर स्थापित किए हैं।
सुरक्षा के लिए प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने बाढ़ चौकियों की स्थापना की है और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।