क्या इस योगासन से मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- प्राणायाम मानसिक तनाव को कम करता है।
- मत्स्यासन से त्वचा को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
- सर्वांगासन रक्त संचार को बढ़ाता है।
- भुजंगासन पाचन में सुधार करता है।
- योग एक प्राकृतिक उपाय है मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंहासे यानी पिंपल्स, आजकल हर उम्र के लोगों के लिए एक सामान्य समस्या बन गई है। बाजार में मिलने वाले फेसवॉश, क्रीम और दवाइयां कुछ समय के लिए राहत तो देती हैं, लेकिन उनका असर अक्सर अस्थायी होता है। ऐसे में एक प्राकृतिक उपाय है, और वह है 'योग'।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग हमारे शरीर की अंदर की गंदगी को बाहर निकालने और बॉडी को संतुलित करने में सहायक है। जब शरीर अंदर से साफ होता है, तो उसकी झलक त्वचा पर भी दिखाई देती है।
त्वचा को हेल्दी बनाने का सबसे प्रभावी तरीका प्राणायाम है। जब आप नियमित रूप से प्राणायाम करते हैं, तो यह आपके दिमाग को शांत करता है और तनाव को कम करता है।
आज के समय में तनाव मुंहासों का एक बड़ा कारण बन गया है। तनाव के कारण शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे पिंपल्स उभरते हैं। लेकिन, जब आप रोजाना सुबह कुछ मिनट प्राणायाम करते हैं, तो यह न केवल आपकी त्वचा को साफ करता है, बल्कि मन को भी शांत रखता है।
मत्स्यासन भी मुंहासों को कम करने में मदद कर सकता है। इस आसन में शरीर को पीछे झुका कर छाती को ऊपर उठाया जाता है, जिससे हृदय और फेफड़े खुलते हैं और गहरी सांस लेना आसान हो जाता है।
यह आसन चेहरे की कोशिकाओं तक ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। जब त्वचा को सही मात्रा में ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, तो वह अपने आप साफ और चमकदार होने लगती है।
सर्वांगासन भी मुंहासों को घटाने के लिए फायदेमंद है। यह आसन शरीर को उल्टा करके किया जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन चेहरे की तरफ बढ़ता है। जैसे ही रक्त चेहरे की ओर तेजी से बढ़ता है, त्वचा को अधिक पोषण और ऑक्सीजन मिलता है। इससे डेड स्किन सेल्स हटते हैं और नए सेल्स बनने लगते हैं। इस प्रक्रिया से त्वचा की सफाई होती है और मुंहासे कम होने लगते हैं।
भुजंगासन भी मुंहासों से छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकता है। इस आसन में पेट के बल लेट कर छाती को ऊपर उठाया जाता है। यह आसन आपके पाचन तंत्र को बेहतर करता है। पाचन ठीक रहने से शरीर में टॉक्सिन्स नहीं जमते, जिससे चेहरे पर मुंहासे होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            