क्या योगी सरकार के प्रयासों से प्रदेश की धार्मिक धरोहरों का पुनरुत्थान हो रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- मुंडा शिवाला का जीर्णोद्धार धार्मिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह श्रावस्ती में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।
- 4 करोड़ रुपए की लागत से काम किया जाएगा।
- ट्रस्ट का गठन मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
- श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए नई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
लखनऊ, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं पुनरुद्धार के लिए ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ, जिसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है, नैमिषारण्य जैसे सैकड़ों महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के बाद अब श्रावस्ती के ऐतिहासिक मुंडा शिवाला को नया जीवन देने की योजना बनाई गई है।
यह प्राचीन शिवाला लगभग 225 वर्षों का इतिहास समेटे हुए है और यहां नेपाल सहित विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
श्रावस्ती के जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप धार्मिक धरोहर के संरक्षण और जीर्णोद्धार पर निरंतर काम किया जा रहा है। इसी के तहत अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, नैमिषारण्य और छोटी काशी में हो रहे कार्यों की तर्ज पर मुंडा शिवाला को भी पुनर्जीवित करने की पहल की गई है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी गति मिलेगी।
उन्होंने बताया कि श्रावस्ती के फखरपुर क्षेत्र के मोहल्ला बंजड़हा में स्थित मुंडा शिवाला का इतिहास करीब 225 वर्ष पुराना है। इसका निर्माण लगभग 1800 से 1820 के बीच स्थानीय ठाकुर परिवार द्वारा किया गया था। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है, बल्कि स्थानीय सामाजिक जीवन और सांस्कृतिक परंपराओं से भी गहराई से जुड़ा रहा है। वर्षों से उपेक्षा और अतिक्रमण के कारण मंदिर परिसर की स्थिति जर्जर हो गई थी। ऐसे में लगभग 4 करोड़ रुपए की लागत से मुंडा शिवाला का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही मंदिर के बेहतर प्रबंधन, नियमित पूजा-पाठ और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए एक ट्रस्ट का गठन भी किया जाएगा। यह ट्रस्ट मंदिर के रखरखाव, धार्मिक आयोजनों और सुरक्षा व्यवस्था का संचालन करेगा।
डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह, प्रांगण और चारों ओर की दीवारों की मरम्मत, रंग-रोगन, फर्श और टाइल्स का निर्माण किया जाएगा। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीसी रोड और संपर्क मार्ग बनाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल व्यवस्था, शौचालय, बैठने की जगह, प्रकाश और सुरक्षा उपकरण लगाए जाएंगे। परिसर में पौधरोपण, वर्षा जल संचयन, डिजिटल सूचना बोर्ड और सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए जाएंगे। वहीं, ट्रस्ट का गठन किया जाएगा। इससे पुजारी की नियुक्ति, नियमित पूजा-अर्चना, प्रमुख त्योहारों और धार्मिक आयोजनों की योजना और स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यह ट्रस्ट स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मंदिर परिसर के संरक्षण और विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
उन्होंने बताया कि मुंडा शिवाला के जीर्णोद्धार से श्रावस्ती में धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। यह क्षेत्र पहले से ही बुद्धकालीन धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक नया आकर्षण केंद्र बनेगा। नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी इससे बढ़ने की संभावना है।