क्या योगी सरकार ने 59 दिन में किसानों से 8.28 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी?

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क्या योगी सरकार ने 59 दिन में किसानों से 8.28 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी?

सारांश

योगी सरकार ने 59 दिन में 8.28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है। किसानों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिल रहा है। जानें इस खरीद प्रक्रिया के पीछे की कहानी और सरकार के सुधारों के प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • योगी सरकार ने 59 दिन में 8.28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की।
  • 4225 क्रय केंद्र स्थापित हुए हैं।
  • 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान किया जा रहा है।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 रुपये कॉमन और 2389 रुपये (ग्रेड-ए) है।
  • पारदर्शिता के लिए बायोमीट्रिक सत्यापन किया जा रहा है।

लखनऊ, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार 'समृद्ध किसान, सशक्त उत्तर प्रदेश' की अवधारणा को वास्तविकता में बदलते हुए प्रदेश के धान किसानों की समृद्धि में योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर समय-समय पर धान खरीदारी की समीक्षा की जा रही है। किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसके लिए खाद्य एवं रसद विभाग लगातार इसकी निगरानी कर रहा है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहली अक्टूबर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहली नवंबर से चल रही धान खरीद में किसानों का सक्रिय सहयोग मिल रहा है। आंकड़ों के अनुसार, पहली अक्टूबर से 28 नवंबर तक (59 दिन) में 1.39 लाख से अधिक किसानों से 8.28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। साथ ही, धान बिक्री के लिए 5.44 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण भी करवा लिया है। प्रदेश में 4225 क्रय केंद्र भी स्थापित हो चुके हैं।

किसान क्रय केंद्रों पर जाकर धान बेच रहे हैं, जिससे उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिल रहा है। 28 नवंबर की शाम तक 139,040 किसानों से 8.28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। इसके अतिरिक्त, धान खरीद सत्र 2025-26 के लिए 5,44,502 किसानों ने पंजीकरण भी करवा लिया है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकतम किसानों को क्रय केंद्रों पर धान की बिक्री कराने का निर्देश दिया है, ताकि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठा सकें। उत्तर प्रदेश में धान खरीद प्रणाली में योगी सरकार के सुधार अब ज़मीनी स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। ई-पॉप मशीनों से बायोमीट्रिक सत्यापन, पंजीकृत किसानों को ही खरीद की सुविधा, बिचौलियों की समाप्त होती भूमिका और 48 घंटे में भुगतान जैसी प्रक्रियाओं ने मंडी व्यवस्था को पारदर्शी बना दिया है। रिकॉर्ड स्तर की धान खरीद, राइस मिलों को मिली राहत और किसानों के लिए की गई सुविधाओं ने उनकी आमदनी, भरोसे और आत्मनिर्भरता को नई दिशा दी है। 'समृद्ध किसान, सशक्त उत्तर प्रदेश' की अवधारणा अब वास्तविकता में बदल रही है।

धान खरीद 2369 रुपये कॉमन और 2389 रुपये (ग्रेड-ए) प्रति कुंतल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जा रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़, झांसी और लखनऊ संभाग के जनपद (लखीमपुर खीरी, हरदोई और सीतापुर) में पहली अक्टूबर से धान खरीद चल रही है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के अयोध्या, आजमगढ़, कानपुर, चित्रकूट, देवीपाटन, प्रयागराज, गोरखपुर, मीरजापुर, बस्ती, वाराणसी और लखनऊ संभाग के उन्नाव, रायबरेली और लखनऊ में पहली नवंबर से धान खरीद हो रही है।

Point of View

जहां सरकार ने उनकी जरूरतों को प्राथमिकता दी है। यह कदम न केवल किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक है, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

धान खरीद प्रक्रिया में किसानों को क्या लाभ होता है?
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
योगी सरकार द्वारा धान खरीद के लिए कितने क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं?
प्रदेश में 4225 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं।
धान खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है?
धान खरीद 2369 रुपये कॉमन और 2389 रुपये (ग्रेड-ए) प्रति कुंतल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है।
किसानों को भुगतान में कितना समय लगता है?
किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
धान खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित की जा रही है?
ई-पॉप मशीनों से बायोमीट्रिक सत्यापन और पंजीकृत किसानों को ही खरीद की सुविधा देकर पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।
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