क्या कोडीन सिरप पर एसटीएफ की सख्त जांच से अपराधी बच सकेंगे? केशव प्रसाद मौर्य
सारांश
Key Takeaways
- योगी सरकार ने कोडीन सिरप के अवैध कारोबार पर सख्त रुख अपनाया है।
- एसटीएफ की जांच जीरो टॉलरेंस नीति के तहत होगी।
- डॉक्टर के पर्चे के बिना बिक्री पर लाइसेंस निलंबित होगा।
- कोडीन सिरप की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस को चेकपोस्टों पर सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
- साइबर अपराध के खिलाफ भी सरकार कार्रवाई कर रही है।
लखनऊ, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार के संदर्भ में योगी सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़े कदम उठाने का संकेत दिया है।
विधान परिषद में नेता सदन एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट किया कि युवाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की जाएगी। एसटीएफ जांच करेगी और अपराधियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे देश में हों या विदेश में।
मौर्य ने बताया कि कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी और अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक तीन सदस्यीय विशेष कार्य बल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि औषधि प्रशासन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि सभी मेडिकल स्टोर्स पर कोडीन सिरप के स्टॉक का डिजिटल मिलान किया जाए। यदि बिक्री बिना डॉक्टर के पर्चे के की गई, तो संबंधित मेडिकल स्टोर का लाइसेंस तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के रास्ते अन्य राज्यों में होने वाली तस्करी को रोकने के लिए पुलिस को चेकपोस्टों पर सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। दवा के नाम पर जहर बेचने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। मौर्य ने सदन में स्पष्ट किया कि कोडीन युक्त कफ सिरप के कई बड़े होलसेल लाइसेंस 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान दिए गए थे, जब नियमों की अनदेखी की गई। इसके दुष्परिणाम आज युवाओं और बच्चों को भुगतने पड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की नीति अपराध के प्रति शून्य सहनशीलता की है और प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि अपराधी किसी भी पार्टी, धर्म या जाति का हो, उसके खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
नेता सदन ने साइबर अपराध पर भी सरकार की कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए बताया कि प्रदेश में साइबर ठगों के खिलाफ आईटी एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। प्रदेश के सभी मंडलों और प्रमुख जिलों में हाईटेक साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। साइबर हेल्पलाइन 1930 को और अधिक सशक्त बनाया गया है, जिससे ठगी के शिकार लोगों की धनराशि तत्काल फ्रीज की जा सके। अब तक करीब 630 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न बैंक खातों में फ्रीज कराई जा चुकी है और लगभग 90 हजार से अधिक संदिग्ध बैंक खातों पर लेन-देन रोक दी गई है।
समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए मौर्य ने कहा कि सपा का पीडीए पिछड़ों या दलितों के लिए नहीं, बल्कि “परिवार डेवलपमेंट एजेंसी” है। इस एजेंसी में गुंडे, माफिया और अपराधी साझेदार के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 2012 से 2017 तक सत्ता में रहते हुए सपा को पिछड़ों और दलितों की याद नहीं आई, अब यह केवल चुनावी भ्रम फैलाने का हथकंडा है।