क्या योगी सरकार ने कृषि श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है?

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क्या योगी सरकार ने कृषि श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है?

सारांश

योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। यह निर्णय लाखों खेतिहर मजदूरों को वित्तीय सुरक्षा और सम्मान प्रदान करेगा। अब श्रमिकों को प्रतिदिन 252 रुपए और प्रति माह 6552 रुपए की न्यूनतम मजदूरी मिलेगी, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक होगी।

Key Takeaways

  • न्यूनतम मजदूरी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है।
  • प्रति दिन 252 रुपए और प्रति माह 6552 रुपए की न्यूनतम मजदूरी।
  • मजदूरी का भुगतान नकद, आंशिक नकद, कृषि उपज या डिजिटल माध्यमों से।
  • यह निर्णय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।
  • श्रमिकों के कल्याण के लिए योगी सरकार की प्राथमिकता।

लखनऊ, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार ने कृषि श्रमिकों के लाभ के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए न्यूनतम मजदूरी की दरों में व्यापक परिवर्तन किया है। अब सभी जिलों में कृषि कार्यों से जुड़े वयस्क श्रमिकों को २५२ रुपए प्रतिदिन या ६,५५२ रुपए प्रति माह न्यूनतम मजदूरी मिलेगी। इस फैसले से लाखों खेतिहर मजदूरों, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन जैसे कृषि आधारित कार्यों से जुड़े व्यक्तियों को वित्तीय सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन का आधार प्राप्त होगा।

प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग डॉ. एमके. शनमुगा सुन्दरम ने बताया कि यह दरें राज्य के विभिन्न प्रकार की खेती में लागू होंगी, चाहे वह परंपरागत कृषि हो, मशरूम उत्पादन हो या मंडी तक फसल पहुंचाने का श्रम। इसमें दुग्ध उत्पादन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन और इनसे जुड़ी सभी सहायक गतिविधियां भी शामिल हैं।

योगी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि मजदूरी का भुगतान अब नकद, आंशिक नकद, कृषि उपज या डिजिटल माध्यमों से किया जा सकता है, लेकिन किसी भी स्थिति में मजदूरी की कुल राशि निर्धारित दर से कम नहीं होनी चाहिए। इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।

न्यूनतम मजदूरी की प्रति घंटे दर भी दैनिक मजदूरी के 1/6 भाग से कम नहीं हो सकेगी, जिससे अल्पकालिक श्रमिकों के हितों की भी रक्षा होगी। योगी सरकार ने यह भी बताया कि यदि किसी श्रमिक को पहले से इस दर से अधिक मजदूरी मिल रही है, तो वह जारी रहेगी और इसे ही न्यूनतम मानक माना जाएगा।

योगी सरकार का यह निर्णय केवल मजदूरी तय करने का नहीं, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की श्रमिक नीति में मूलभूत बदलाव का संकेत है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे लाखों श्रमिकों को सीधे लाभ मिलेगा और कृषि कार्यों में श्रम की गुणवत्ता व निरंतरता सुनिश्चित होगी। यह निर्णय योगी सरकार की "सबका साथ, सबका विकास" नीति का एक और उदाहरण है, जिसमें खेतिहर मजदूरों को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि श्रमिकों के हितों की रक्षा करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इससे पहले भी सरकार ने ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के करोड़ों मजदूरों का पंजीकरण कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा था। न्यूनतम मजदूरी की यह नई अधिसूचना उसी श्रृंखला में एक और मजबूत कड़ी है।

यह फैसला न केवल श्रमिक कल्याण, बल्कि कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की स्थायीत्व और उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देकर आधुनिक और पारदर्शी प्रणाली की नींव भी रखेगा। सरकार का यह कदम स्पष्ट करता है कि उत्तर प्रदेश अब केवल कृषि उत्पादक राज्य नहीं, बल्कि कृषि श्रमिकों के लिए भी कल्याणकारी प्रदेश बन चुका है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय कृषि क्षेत्र की मजबूती का भी परिचायक है। योगी सरकार का यह कदम श्रमिकों के कल्याण के लिए जरूरी है और इससे ग्रामीण विकास में भी तेजी आएगी।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

न्यूनतम मजदूरी की नई दरें कब से लागू होंगी?
न्यूनतम मजदूरी की नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू की गई हैं।
क्या यह दरें सभी प्रकार की कृषि कार्यों पर लागू होंगी?
हाँ, यह दरें सभी प्रकार की कृषि कार्यों पर लागू होंगी।
मजदूरी का भुगतान किस प्रकार किया जा सकता है?
मजदूरी का भुगतान नकद, आंशिक नकद, कृषि उपज या डिजिटल माध्यमों से किया जा सकता है।
क्या यदि किसी श्रमिक को पहले से अधिक मजदूरी मिल रही है, तो क्या उसे यह दरें मिलेंगी?
नहीं, यदि किसी श्रमिक को पहले से अधिक मजदूरी मिल रही है, तो वही दरें लागू रहेंगी।