क्या योगी सरकार ने ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत अपराधियों को तीन नए कानूनों के तहत 457 मामलों में सजा दिलाई?

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क्या योगी सरकार ने ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत अपराधियों को तीन नए कानूनों के तहत 457 मामलों में सजा दिलाई?

सारांश

योगी सरकार की 'जीरो टॉलरेंस नीति' ने उत्तर प्रदेश को अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत नए कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन ने 457 मामलों में न्याय दिलाया है। जानिए कैसे यह पहल पूरे देश के लिए अनुकरणीय बन रही है।

Key Takeaways

  • योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रभावी कार्यान्वयन।
  • ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 97 हजार से अधिक अपराधियों को सजा।
  • तीन नए आपराधिक कानूनों का त्वरित कार्यान्वयन।
  • 457 मामलों में तेज न्याय प्रक्रिया।
  • केंद्रीय गृह मंत्री की सराहना।

लखनऊ, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को न केवल देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है। उत्तर प्रदेश, जो पहले गुंडाराज और कमजोर कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता था, अब सुशासन और मजबूत कानून व्यवस्था के लिए एक नई पहचान बना रहा है। इस परिवर्तन में ऑपरेशन कन्विक्शन की महत्वपूर्ण भूमिका है। योगी सरकार के इस अभियान के तहत पिछले एक साल में 97 हजार से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई गई है, वहीं तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत चिन्हित कुल 457 मामलों में त्वरित सुनवाई के बाद दोषियों को सजा दी गई है। इस पहल की हाल ही में बनारस में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सराहना की।

अभियोजन एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि सीएम योगी के नेतृत्व में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी अनुपालन प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने में सहायता कर रहा है और यह पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह पहल उत्तर प्रदेश को सुरक्षित और सशक्त राज्य बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने आगे बताया कि पिछले एक साल में तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत अब तक 457 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें 4 अपराधियों को मृत्युदंड (फांसी की सजा), 10 को आजीवन कारावास, 425 को 20 वर्ष से कम की सजा और 19 को 20 वर्ष से अधिक की सजा दी गई है।

इन मामलों में अभियोग पक्ष ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर मजबूत तर्क प्रस्तुत किए। विशेष रूप से बीएनएसएस के प्रावधानों का सही उपयोग करके न्याय प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाया गया। योगी सरकार ने गवाहों की सुरक्षा, साक्ष्य संग्रहण, और अदालतों में समय पर उपस्थिति की सभी आवश्यकताएं सुनिश्चित की हैं।

एडीजी ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 1 जुलाई 2024 से प्रदेश के 25,000 वादों की सुनवाई में प्रभावी डिजिटल दस्तावेज और गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिससे पुलिस और सरकारी गवाहों को बार-बार अदालत आने की आवश्यकता कम हुई है, और योगी सरकार को लगभग 25 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

बदांयू के बिल्सी थाने में दर्ज केस (394/2024) में आरोपी जाने आलम को बीएनएस की धाराओं में मृत्युदंड और 2 लाख 30 हजार रुपये का आर्थिक दंड दिया गया है। इसी तरह हाथरस के कोतवाली थाने में केस (26/2025) में आरोपी विकास और लालू पाल को मृत्युदंड के साथ 80 हजार रुपये का अर्थदंड दिया गया है। कानपुर देहात के भीमगंज थाने में दर्ज केस (224/2024) में आरोपी दीपू को बीएनएस की धाराओं के तहत मृत्युदंड और 10 लाख रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया गया है।

Point of View

जो समाज में सुरक्षा का भाव पैदा कर रही है। यह सुनिश्चित करती है कि कानून का शासन सभी के लिए लागू हो, जिससे देश की प्रगति में बाधा नहीं आए।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन कन्विक्शन का उद्देश्य क्या है?
ऑपरेशन कन्विक्शन का उद्देश्य अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाना और न्याय प्रक्रिया को तेज करना है।
योगी सरकार ने कितने अपराधियों को सजा दी है?
योगी सरकार ने पिछले एक साल में 97 हजार से अधिक अपराधियों को सजा दी है।
कौन से नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं?
योगी सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू किया है जिनके तहत 457 मामलों में त्वरित सुनवाई की गई है।
इस कार्रवाई से राज्य में क्या बदलाव आए हैं?
इस कार्रवाई से उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार और अपराध दर में कमी आई है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने इस पहल की क्या सराहना की?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय बताया है।