क्या कस्टोडियल डेथ केस में जहूर जैदी को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से राहत मिली?
सारांश
Key Takeaways
- सजा सस्पेंड: जहूर जैदी की उम्रकैद की सजा को हाई कोर्ट ने सस्पेंड किया।
- अपील की सुनवाई: सजा तब तक लागू नहीं होगी जब तक अपील की अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती।
- पुलिस हिरासत में मौत: सूरज की पुलिस हिरासत में मौत का मामला जटिल है।
- कस्टडी का समय: जैदी लगभग 5 साल से कस्टडी में हैं।
- न्याय का सवाल: न्याय प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठता है।
चंडीगढ़, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पुलिस के पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी की उम्रकैद की सजा को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है। हाई कोर्ट ने जैदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब तक उनकी अपील पर अंतिम सुनवाई नहीं होती, तब तक उनकी सजा को लागू नहीं किया जाएगा।
इससे पहले जनवरी में, चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई अदालत ने जैदी और अन्य सात पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह केस 2017 में शिमला के कोटखाई में एक बच्ची के रेप और मर्डर से संबंधित है। इस मामले में आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में टॉर्चर के कारण मौत हो गई थी। उस समय यह केस शिमला से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में स्थानांतरित किया गया था, जहां जनवरी 2025 में निर्णय आने की उम्मीद है।
जैदी ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान, जैदी के वकील ने यह तर्क दिया कि जैदी उस समय पुलिस स्टेशन में उपस्थित नहीं थे, जब सूरज की मौत हुई। वह अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए पहले से छुट्टी पर थे। इसके अलावा, जैदी लगभग पांच साल से अधिक समय से कस्टडी में हैं और उनकी कई अपीलें लंबित हैं, इसलिए उनका केस जल्दी निपटाना संभव नहीं है। उनके अनुसार, इन परिस्थितियों में सजा को सस्पेंड किया जाना चाहिए।
राज्य की ओर से पेश वकील ने सजा सस्पेंड करने का विरोध किया और कहा कि अपील की सुनवाई की जा सकती है, लेकिन सजा को सस्पेंड करना उचित नहीं है। हाई कोर्ट ने इस पर ध्यान देते हुए फिलहाल सजा को सस्पेंड कर दिया, ताकि अपील पर न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो सके।
यह ध्यान देने योग्य है कि जहूर हैदर जैदी उस समय हिमाचल प्रदेश के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस थे और एक विशेष जांच दल की निगरानी कर रहे थे। सीबीआई ने उन्हें दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने इस मामले में कबूलनामा कराने की साजिश रची थी, जिसके कारण सूरज की कस्टोडियल डेथ हुई।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, जैदी अब तक लगभग 5 साल, 2 महीने और 14 दिन कस्टडी में रह चुके हैं। अब उनकी अपील पर अंतिम निर्णय आने तक उन्हें जेल में नहीं रखा जाएगा। हाई कोर्ट ने सजा को सस्पेंड करते हुए स्पष्ट कर दिया कि यह केवल अपील की सुनवाई तक की अस्थायी राहत है।