क्या जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर प्रशंसकों के अंतिम दर्शन के लिए सरुसजाई में रखा जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग का निधन असम और देश के लिए एक बड़ी हानि है।
- उनका पार्थिव शरीर प्रशंसकों के अंतिम दर्शन के लिए सरुसजाई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रखा जाएगा।
- अंतिम संस्कार सोनापुर में होगा।
- जुबीन ने कई भाषाओं में गाने गाकर लाखों दिलों को छुआ।
- उनकी पत्नी ने असम की परंपरा के अनुसार ताबूत पर गमोसा रखा।
गुवाहाटी, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग का निधन राज्य और देश के लिए एक बड़ी हानि है। उनका पार्थिव शरीर सोमवार को गुवाहाटी के सरुसजाई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रखा जाएगा, ताकि लाखों प्रशंसक उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें।
उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर में आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय राज्य सरकार ने उनके परिवार से चर्चा करने के बाद लिया है।
रविवार सुबह जब जुबीन का पार्थिव शरीर उनके गृहनगर गुवाहाटी पहुंचा, तो हजारों लोग उन्हें देखने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े। माहौल बेहद भावुक और गमगीन था।
एयरपोर्ट से उनके घर तक के रास्ते में लोग फूलों की बारिश कर रहे थे, उनके चित्र और बैनर उठाए हुए थे, और जुबीन के गाने गाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे।
जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर दिल्ली से एक विमान द्वारा लाया गया था। विमान सुबह लगभग 7 बजे गुवाहाटी के गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर उतरा।
वे शुक्रवार को सिंगापुर में एक दुर्घटना में निधन हो गए थे। उनके शव को शनिवार रात दिल्ली लाया गया, जहां मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने एयरपोर्ट पर जाकर उनका पार्थिव शरीर प्राप्त किया।
जब जुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने ताबूत को देखा, तो वे अपने आंसुओं को नहीं रोक सकीं। उन्होंने जुबीन के ताबूत पर असम की परंपरा के अनुसार एक गमोसा और फूल अर्पित किए। इसके बाद वे एम्बुलेंस के साथ गुवाहाटी के काहिलीपारा स्थित घर तक गईं, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया।
इस भावुक यात्रा में राज्य सरकार के कई अधिकारी भी शामिल रहे। मुख्यमंत्री सरमा, केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा, असम पुलिस के महानिदेशक हरमीत सिंह और गुवाहाटी पुलिस कमिश्नर पार्थसारथी महंत भी इस अंतिम यात्रा में मौजूद थे।
जुबीन गर्ग केवल एक गायक नहीं थे, वे असम की आत्मा की आवाज थे। उन्होंने न केवल असमिया, बल्कि हिंदी, बांग्ला और कई भाषाओं में गाने गाकर करोड़ों दिलों को छू लिया। उनके निधन से पूरा असम शोक में डूबा हुआ है।