क्या भारत ग्लोबल साउथ को स्वच्छ और सस्टेनेबल भविष्य की ओर ले जा रहा है? : प्रल्हाद जोशी

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क्या भारत ग्लोबल साउथ को स्वच्छ और सस्टेनेबल भविष्य की ओर ले जा रहा है? : प्रल्हाद जोशी

सारांश

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि भारत ग्लोबल साउथ के देशों को स्वच्छ और सस्टेनेबल भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सोलर एनर्जी के क्षेत्र में आईएसए के योगदान पर चर्चा की।

Key Takeaways

  • भारत ग्लोबल साउथ को स्वच्छ और सस्टेनेबल भविष्य में मदद कर रहा है।
  • सोलर एनर्जी एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है।
  • इंटरनेशनल सोलर अलायंस 120 से अधिक देशों में प्रभावी है।
  • रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन में वृद्धि हो रही है।
  • बिजली की मांग में गिरावट आई है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत ग्लोबल साउथ को पहले से अधिक स्वच्छ और सस्टेनेबल भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

ग्लोबल क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में सोलर एनर्जी के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) के नेतृत्व में सोलर एनर्जी 120 से अधिक देशों में एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में केंद्रीय मंत्री जोशी ने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत एक कैटेलिस्ट के रूप में उभरा है, जिसने ग्लोबल साउथ को क्लीन, उज्जवल और अधिक सस्टेनेबल भविष्य की रूपरेखा तैयार करने में सशक्त बनाया है।"

उन्होंने कहा, "सोलर एनर्जी ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन में एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है।"

केंद्रीय मंत्री का यह पोस्ट उनके द्वारा लिखे एक न्यूजपेपर आर्टिकल के संदर्भ में था। 'द इंटरनेशनल सोलर अलायंस हैज शोन अ पाथ टू क्लीन एनर्जी' शीर्षक के इस आर्टिकल को शेयर करते हुए केंद्रीय मंत्री ने ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन में सोलर पावर के महत्व पर प्रकाश डाला।

केंद्रीय मंत्री जोशी के इस पोस्ट को 'पीएमओ इंडिया' ने रिपोस्ट करते हुए एक्स हैंडल पर लिखा, "केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक लेख के जरिए बताया कि ग्लोबल एनर्जी लैंडस्कैप को सोलर एनर्जी किस प्रकार एक नया रूप दे रही है। न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में इंटरनेशनल सोलर अलायंस क्लीन एनर्जी क्रांति लाने में अहम भूमिका निभा रही है।"

इस बीच, एचएसबीसी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन की हिस्सेदारी मई में 17 प्रतिशत और जून के पहले 10 दिनों में 19 प्रतिशत हो गई, जबकि पिछले वर्ष मई/जून में यह क्रमशः 13 प्रतिशत/14 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े बेस और अत्यधिक वर्षा के कारण बिजली की मांग में गिरावट आई है। मई में बिजली की मांग/पीक मांग में क्रमशः 4 प्रतिशत/7 प्रतिशत की गिरावट आई और जून के पहले 10 दिनों में 1 प्रतिशत/1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की ऊर्जा नीतियों ने न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। सोलर एनर्जी की बढ़ती भूमिका से न केवल हमारे देश को लाभ होगा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी पर्यावरण की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की ऊर्जा नीतियों का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव क्या है?
भारत की ऊर्जा नीतियाँ, विशेषकर सोलर एनर्जी के क्षेत्र में, वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं और अन्य देशों के लिए एक मॉडल बन रही हैं।
इंटरनेशनल सोलर अलायंस का उद्देश्य क्या है?
इंटरनेशनल सोलर अलायंस का उद्देश्य सोलर एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देना और ग्लोबल साउथ के देशों को स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाना है।