क्या भारत में क्रिटिकल मिनरल्स का उत्पादन बढ़ेगा?

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क्या भारत में क्रिटिकल मिनरल्स का उत्पादन बढ़ेगा?

सारांश

भारत सरकार ने ईवी बैटरी उत्पादन के लिए आवश्यक खनिजों के आयात को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं। इसमें नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन का आरंभ और खनिजों की खोज को बढ़ावा देना शामिल है। यह कदम देश की खनिज सुरक्षा को बढ़ाएगा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

Key Takeaways

  • नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन का आरंभ
  • 16,300 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित
  • 368 अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की गईं
  • 25 खनिजों पर सीमा शुल्क समाप्त
  • 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। देश में ईवी बैटरी उत्पादन के लिए आवश्यक लिथियम, कोबाल्ट और अन्य प्रमुख खनिजों के आयात को घटाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) और क्रिटिकल मिनरल्स की खोज के प्रयासों को प्रोत्साहित करना शामिल है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 से 2030-31 तक सात वर्षों की अवधि के लिए एनसीएमएम के लॉन्च को मंजूरी दी है, जिसके लिए 16,300 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। इसके अलावा, इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और अन्य पक्षकारों द्वारा 18,000 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है।

भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स की खोज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले तीन वर्षों में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों पर केंद्रित 368 अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में 195 परियोजनाएं सक्रिय हैं और अगले वित्त वर्ष के लिए 227 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर) को एमएमडीआर संशोधन अधिनियम, 2023 के माध्यम से संशोधित किया गया है।

सरकार के अनुसार, धातु और अधात्विक अयस्कों के खनन और अन्वेषण के लिए ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है। कोई भी विदेशी कंपनी अपनी भारतीय सहायक कंपनी का गठन कर सकती है या किसी मौजूदा भारतीय कंपनी में निवेश कर सकती है।

क्रिटिकल मिनरल्स सेक्टर को और अधिक समर्थन देने के लिए, सरकार ने 2024-25 के केंद्रीय बजट में 25 खनिजों पर सीमा शुल्क समाप्त कर दिया है और 2 खनिजों पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को कम कर दिया है।

भारत में लगभग 7.23 मिलियन टन (एमटी) रेयर अर्थ एलिमेंट्स ऑक्साइड (आरईओ) है, जो 13.15 एमटी मोनाजाइट में है और यह आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में समुद्र तट, टेरी और लाल रेत तथा अंतर्देशीय जलोढ़ में उपलब्ध है। वहीं 1.29 एमटी रेयर अर्थ एलिमेंट्स गुजरात और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में कठोर चट्टानों में स्थित हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत के लिए क्रिटिकल मिनरल्स के उत्पादन में वृद्धि न केवल आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार के ऐसे प्रयासों से न केवल खनिजों की स्वदेशी उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि यह तकनीकी विकास और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत में क्रिटिकल मिनरल्स का उत्पादन कब शुरू होगा?
भारत में क्रिटिकल मिनरल्स का उत्पादन 2024-25 से शुरू होने की उम्मीद है।
क्या विदेशी कंपनियों को भारतीय खनिजों में निवेश करने की अनुमति है?
हां, सरकार ने विदेशी कंपनियों को भारतीय खनिजों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है।