क्या शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने उनके माता-पिता को गर्वित किया?

सारांश
Key Takeaways
- शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने देश को गर्वित किया।
- उनके माता-पिता ने अपनी भावनाएं साझा कीं।
- प्रधानमंत्री का आशीर्वाद महत्वपूर्ण रहा।
- शुभांशु ने 60 प्रयोगों में हिस्सा लिया।
- ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने सुरक्षित लैंडिंग की।
लखनऊ, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के सुरक्षित पृथ्वी पर लौटने से देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला और माता आशा शुक्ला ने इस ऐतिहासिक अवसर पर अपने अनुभव साझा किए।
शंभू दयाल शुक्ला ने गर्व से कहा, "मेरे बेटे की अंतरिक्ष यात्रा मेरे और मेरे परिवार के लिए एक गर्व का पल है। यह संभव हुआ देशवासियों के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन से।"
उन्होंने बताया कि जब त्रिवेंद्रम में उनके बेटे शुभांशु को 'एस्ट्रोनॉट विंग' प्रदान किया गया था, तब से ही उसे गगनयात्री की उपाधि मिली थी। प्रधानमंत्री ने शुभांशु की प्रशंसा की और आशीर्वाद दिया, जिससे उसका उत्साह और बढ़ गया। मैं उनका दिल से धन्यवाद करता हूं।
आशा शुक्ला ने भावुक होकर कहा, "जब त्रिवेंद्रम में मेरे बेटे को एस्ट्रोनॉट विंग मिला, तो हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। सभी लोग भावुक थे। पिछले चार वर्षों से शुभांशु ने कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण किया। जब प्रधानमंत्री ने उनके नाम का ऐलान किया, तो वह मेरे लिए गर्व का पल था।"
उन्होंने आगे कहा, "शुभांशु अब केवल मेरा बेटा नहीं, बल्कि पूरे देश का बेटा बन चुका है। देश की हर मां उसे आशीर्वाद दे रही हैं। मुझे अपने बेटे पर बहुत गर्व है। एक्सिओम-4 मिशन में शुभांशु ने 60 प्रयोगों में हिस्सा लिया, जिनमें से सात इसरो के थे।"
ज्ञात हो कि शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्री 20 दिन बाद स्पेस से पृथ्वी पर लौट आए हैं। 23 घंटे की यात्रा के बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया के समुद्र में लैंड किया।
वहीं, स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "ड्रैगन के सुरक्षित उतरने की पुष्टि हो गई है। पृथ्वी पर आपका स्वागत है!"