क्या एफडीआई इनफ्लो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 16 प्रतिशत बढ़कर 50.36 अरब डॉलर हुआ?

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क्या एफडीआई इनफ्लो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 16 प्रतिशत बढ़कर 50.36 अरब डॉलर हुआ?

सारांश

एफडीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिससे यह 50.36 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह किसी भी वित्त वर्ष की पहली छमाही में सर्वाधिक विदेशी निवेश है। जानिए इस वृद्धि के पीछे क्या कारण हैं और सरकार की योजनाएं क्या हैं।

Key Takeaways

  • एफडीआई में 16% की वृद्धि हुई है।
  • यह 50.36 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
  • भारत ने 15 देशों के साथ एफटीए किए हैं।
  • सरकार निर्यातकों के साथ बातचीत कर रही है।
  • भारत एक विश्वसनीय निवेश गंतव्य बन रहा है।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 50.36 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लिया है। यह आंकड़ा किसी वित्त वर्ष की पहली छमाही में अब तक का सर्वाधिक विदेशी निवेश है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 43.37 अरब डॉलर था। यह जानकारी सरकार ने संसद में प्रस्तुत की।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जतिन प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि ग्रॉस एफडीआई इनफ्लो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 80 अरब डॉलर से अधिक हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2012-13 में 34 अरब डॉलर से कहीं अधिक है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में एफडीआई में एक मजबूत उछाल अनुभव किया, जिसमें कुल इनफ्लो सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़कर 35.18 अरब डॉलर हो गया।

प्रसाद ने कहा, "नेट एफडीआई इनफ्लो का हालिया रुझान बढ़ते विनिवेश और ओवरसीज डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (ओडीआई) आउटफ्लो से जुड़ा हुआ है। 2022 में लागू किए गए उदार ओडीआई नियमों के कारण ओडीआई आउटफ्लो भारतीय संस्थाओं को विदेशी बाजारों में अपने व्यापार का विस्तार करने में सहायता कर रहा है, जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो रहे हैं, और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्यावर्तन का बढ़ता ट्रेंड दर्शाता है कि भारत केवल विदेशी पूंजी को आकर्षित नहीं कर रहा है, बल्कि यह भी कि मजबूत रिटर्न प्रदान कर रहा है, जिससे देश की एक विश्वसनीय निवेश गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठा बढ़ रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि देश ने अपने निर्यात में विविधता लाने के लिए 15 देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) और 6 देशों के साथ प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (पीटीए)

सरकार यूरोपीय संघ, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड, ओमान आदि के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए को शीघ्र पूरा करने के लिए बातचीत कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार अमेरिकी टैरिफ उपायों के बढ़ते प्रभाव का आकलन करने के लिए निर्यातकों, निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी), उद्योग संघों और राज्य सरकारों सहित सभी पक्षकारों के साथ बातचीत कर रही है।

Point of View

बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रहा है। यह आवश्यक है कि सरकार निरंतर ऐसे उपाय करे जिससे विदेशी निवेश में और अधिक वृद्धि हो सके।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

एफडीआई क्या है?
एफडीआई का मतलब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है, जिसमें विदेशी कंपनियाँ या संस्थाएँ किसी अन्य देश में सीधे निवेश करती हैं।
एफडीआई में वृद्धि का अर्थ क्या है?
एफडीआई में वृद्धि का अर्थ है कि विदेशी निवेशकों का भारत में विश्वास बढ़ रहा है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
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