क्या जीएसटी सुधार से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा?: नाबार्ड अध्यक्ष शाजी केवी

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में सुधार से ग्रामीणों के हाथों में अधिक धन आएगा।
- कृषि उपकरणों की लागत कम होगी।
- उत्पादन में वृद्धि की संभावना है।
- मशीनीकरण में वृद्धि होगी।
- आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सकारात्मक कदम है।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष शाजी केवी ने कहा है कि सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संरचना में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो महत्वपूर्ण स्लैब लाने से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि में वृद्धि होगी और इससे ग्रामीण लोगों के हाथों में अधिक धन आएगा।
केवी ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया, "ग्रामीण भारत एक नई दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है और भारत की विकास गति सभी को ज्ञात है। इसके अतिरिक्त, मानसून और फसल क्षेत्र भी अच्छे हैं। ऐसे में जीएसटी में कटौती से ग्रामीण लोगों के पास अधिक पैसा होगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि हाल में हुए नाबार्ड के रूरल सेंटीमेंट सर्वे ने यह साबित किया है कि ऋण प्राप्त करने में औपचारिकता और लागत में कमी आई है, क्योंकि अब अधिक लोग औपचारिक स्रोतों से उधार ले रहे हैं। मुद्रास्फीति का माहौल भी अच्छा बना हुआ है।
शाजी ने बताया कि नए जीएसटी सुधारों के कारण अधिकांश कृषि उपकरणों की लागत कम हो जाएगी, क्योंकि वे 5 प्रतिशत की कर स्लैब में शामिल होंगे और कई उपकरण तो कर-मुक्त रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा, "इसका अर्थ है कि लोगों के हाथों में अधिक पैसा होगा। मशीनीकरण की लागत कम होने से वे अब क्षमता वृद्धि में अधिक निवेश करेंगे, जो भविष्य के उत्पादन के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।"
उनके अनुसार, सरकार के इस कदम से न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण आय की मांग बढ़ रही है, जिसका अर्थ है कि इससे अधिक उत्पादन होगा और इससे विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा, "आत्मनिर्भर भारत वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है और सरकार ने वर्तमान जीएसटी दरों में कटौती के साथ इसे बढ़ावा देने के लिए सही कदम उठाए हैं।"
शाजी ने जानकारी साझा की कि ट्रैक्टर जैसी कृषि मशीनरी सस्ती हो जाएंगी और उनकी परिचालन लागत भी कम हो जाएगी।
उन्होंने कहा, "हम अब क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि उत्पादकता को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया जा सके।"