क्या भारत 2050 तक सोलर ऊर्जा का वैश्विक केंद्र बनेगा? : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
सारांश
Key Takeaways
- भारत 2050 तक सोलर ऊर्जा का वैश्विक हब बनने की दिशा में अग्रसर है।
- राष्ट्रपति मुर्मू ने इनॉवेशन और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
- सोलर ऊर्जा को रोजगार सृजन और महिला नेतृत्व से जोड़ा जाएगा।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
- भारत ने 257 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल की है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि 2050 तक भारत न केवल अपने क्लीन एनर्जी लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहता है, बल्कि यह एक ऐसा हब बनना चाहता है जो वैश्विक सोलर मांग को एकीकृत करे और इनॉवेशन, मैन्युफैक्चरिंग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा दे।
राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम में इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) की असेंबली के आठवें सत्र को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत एक ग्लोबल सोलर एनर्जी हब बनने की दिशा में अग्रसर है।
उन्होंने समय से पहले नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में देश की प्रगति पर प्रकाश डाला और वैश्विक सोलर मांग को एकीकृत करने और क्लीन एनर्जी में इनॉवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक दृष्टिकोण की रूपरेखा प्रस्तुत की।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईएसए मानवता की साझा आकांक्षा का प्रतीक है, जिसमें समावेशिता, सम्मान और सामूहिक समृद्धि के स्रोत के रूप में सोलर ऊर्जा का उपयोग करना शामिल है।
उन्होंने सभी सदस्य देशों से इन्फ्रास्ट्रक्चर से आगे सोचने और लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस असेंबली को एक सामूहिक कार्य योजना विकसित करनी चाहिए जो सोलर ऊर्जा को रोजगार सृजन, महिला नेतृत्व, ग्रामीण आजीविका और डिजिटल समावेशन से जोड़े।
राष्ट्रपति ने कहा, "हमारी प्रगति केवल मेगावाट से नहीं, बल्कि रोशन हुए जीवन, मजबूत हुए परिवारों और समुदायों में आए बदलाव से भी मापी जानी चाहिए। टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और अधिकतम लाभ के लिए नवीनतम और उन्नत तकनीकों को सभी के साथ साझा करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। इस खतरे से निपटने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और दृढ़ संकल्पित कदम उठा रहा है।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि आईएसए सोलर ऊर्जा को अपनाने और उपयोग को प्रोत्साहित करके इस वैश्विक चुनौती से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, उपभोक्ता मामले और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, प्रल्हाद जोशी ने भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा के बारे में बताया।
उन्होंने आगे कहा कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़कर 257 गीगावाट हो गया है, जो कि पहले 2014 में 81 गीगावाट था।
केंद्रीय मंत्री ने संबोधन में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ने 2030 के लक्ष्य से 5 साल पहले ही गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50 प्रतिशत ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा सुलभ और सस्ती हो गई है।"
जोशी ने आगे कहा कि पीएम-कुसुम, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, पीएम-जनमन और 'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' जैसी परिवर्तनकारी पहलों के माध्यम से, भारत ऊर्जा न्याय सुनिश्चित करने, सबसे गरीब लोगों को सशक्त बनाने और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।