क्या वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी?

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क्या वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी?

सारांश

क्या भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में ६.५ प्रतिशत की दर से बढ़ेगी? जानें इस रिपोर्ट में सामान्य मानसून और मौद्रिक नीति में नरमी के कारणों के बारे में। इस रिपोर्ट ने घरेलू मांग और निर्यात पर निर्भरता को भी उजागर किया है।

Key Takeaways

  • भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में 6.5 प्रतिशत बढ़ने की संभावना।
  • सामान्य मानसून और मौद्रिक नीति में नरमी का योगदान।
  • घरेलू मांग में मजबूती का संकेत।
  • खाद्य महंगाई में कमी से मुख्य महंगाई को राहत।
  • आरबीआई ने महंगाई के पूर्वानुमान को घटाया।

नई दिल्ली, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में ६.५ प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। इसके पीछे का कारण सामान्य से अधिक मानसून और मौद्रिक नीति में नरमी बताया गया है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी साझा की गई है।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि घरेलू मांग में मजबूती, भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक मंदी को सीमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ ही, निर्यात पर कम निर्भरता भी विकास को गति देगी।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर एक रिपोर्ट में कहा गया है, "हम वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर ६.५ प्रतिशत रहने की उम्मीद करते हैं। इस पूर्वानुमान में सामान्य मानसून, कच्चे तेल की कम कीमतें, आयकर में छूट और मौद्रिक नीति में नरमी शामिल है।"

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में खाद्य महंगाई में कमी मुख्य महंगाई को कम रखने में मददगार होगी।

भारत में थोक महंगाई दर मई में 14 महीनों के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि अप्रैल में 0.85 प्रतिशत और मार्च में 2.05 प्रतिशत थी।

वहीं, खुदरा महंगाई दर मई में घटकर 2.82 प्रतिशत हो गई है, जबकि पिछले वर्ष मई में यह 4.8 प्रतिशत थी।

खुदरा महंगाई का यह स्तर फरवरी 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इस वर्ष अप्रैल में यह 3.16 प्रतिशत थी।

महंगाई में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य महंगाई का 0.99 प्रतिशत होना है, जो कि अक्टूबर 2021 के बाद का सबसे कम स्तर है। खाद्य महंगाई में कमी का कारण कृषि उत्पादन में वृद्धि भी है।

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पिछले शुक्रवार को 2025-26 के लिए महंगाई के अपने पूर्वानुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।

उन्होंने कहा, "सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और सामान्य मानसून को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।"

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार, कई क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएँ मजबूत घरेलू मांग के चलते 2025 में अच्छी शुरुआत कर रही हैं। कई अर्थव्यवस्थाओं को टैरिफ से पहले अमेरिका को निर्यात के एडवांस लोडिंग से अस्थायी रूप से बढ़ावा मिला है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में चीनी अर्थव्यवस्था के 4.3 प्रतिशत और 2026 में 4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का अनुमान है।

रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाएँ काफी बाहरी दबाव का सामना कर रही हैं, लेकिन भारत की घरेलू मांग स्वस्थ रहने की उम्मीद है।

Point of View

यह समझना आवश्यक है कि भारत की अर्थव्यवस्था में बढ़ती मांग और मौद्रिक नीति में बदलाव भविष्य की संभावनाओं को उजागर करते हैं। यह विकास न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में कितनी बढ़ सकती है?
भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
क्या सामान्य मानसून का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा?
हां, सामान्य मानसून आर्थिक विकास में सहायक होगा।
खुदरा महंगाई दर कितनी है?
भारत की खुदरा महंगाई दर मई में 2.82 प्रतिशत हो गई है।
खाद्य महंगाई में कमी का क्या कारण है?
खाद्य महंगाई में कमी का कारण कृषि उत्पादन का बढ़ना है।
आरबीआई ने महंगाई का पूर्वानुमान क्या घटाया है?
आरबीआई ने 2025-26 के लिए महंगाई का पूर्वानुमान 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।