क्या वित्त वर्ष 2026 में मोबाइल निर्यात की शुरुआत है शानदार?

Click to start listening
क्या वित्त वर्ष 2026 में मोबाइल निर्यात की शुरुआत है शानदार?

सारांश

भारत में मोबाइल निर्यात का आंकड़ा इस वित्त वर्ष में 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जानिए इस सफलता के पीछे की कहानी और इसके आर्थिक प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत का मोबाइल निर्यात वित्त वर्ष 2026 में 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचा।
  • मई में मोबाइल निर्यात में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • सरकार की पीएलआई योजना ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया।
  • एप्पल और सैमसंग भारत में अपनी सप्लाई चेन को बढ़ा रहे हैं।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 47 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।

नई दिल्ली, 25 जून (राष्ट्र प्रेस) । केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बताया कि इस वित्त वर्ष में भारत से मोबाइल निर्यात की शानदार शुरुआत हुई है। मई में देश से मोबाइल निर्यात 3.09 बिलियन डॉलर से अधिक रहा।

अप्रैल-मई की अवधि में कुल मिलाकर 5.5 बिलियन डॉलर मूल्य के मोबाइल निर्यात हुए हैं।

सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) पहल ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें एप्पल और सैमसंग जैसी वैश्विक कंपनियों ने अपनी सप्लाई चेन को विस्तार देने पर जोर दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मई में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में 74 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है।

मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया, "वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत मजबूत रही: अकेले मई में 3 बिलियन डॉलर का स्मार्टफोन निर्यात हुआ, जो सालाना आधार पर 74 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल-मई में 5.5 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

यह वृद्धि इसलिए संभव हुई है क्योंकि भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त एप्पल जैसे तकनीकी दिग्गजों के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बनाती है। अमेरिका की कंपनी ने सरकार को मेक इन इंडिया पहल को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पीएलआई योजना के कारण भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पहले पांच स्थानों से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

वित्त वर्ष 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 3.27 लाख करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंचा, जबकि मोबाइल निर्यात 2 लाख करोड़ रुपए रहा।

मंत्री ने कहा, "एक वित्त वर्ष में ही इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। पिछले तीन वर्षों से यह भारत के शीर्ष 10 निर्यातों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला है।"

उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने विशेषकर महिलाओं के लिए लाखों नए रोजगार सृजित किए हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग ने पिछले 10 वर्षों में पांच गुना वृद्धि की है, जो 11 लाख करोड़ रुपए को पार कर गई है, जबकि पूरे इकोसिस्टम ने 25 लाख रोजगार सृजित किए हैं।

पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात छह गुना बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है।

भारत ने एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को मेक इन इंडिया का महत्व समझाया है। हाल के वर्षों में, देश एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

Point of View

भारत का मोबाइल निर्यात में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल देश की औद्योगिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ाता है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

भारत का मोबाइल निर्यात कितने बढ़ा है?
भारत का मोबाइल निर्यात मई में 3.09 बिलियन डॉलर से अधिक रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 74 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है।
सरकार की कौन सी योजना मोबाइल निर्यात को बढ़ावा दे रही है?
सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने मोबाइल निर्यात और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
क्या एप्पल और सैमसंग भारत में निवेश कर रहे हैं?
हाँ, एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियां भारत में अपनी सप्लाई चेन को बढ़ाने पर जोर दे रही हैं।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का स्तर क्या है?
वित्त वर्ष 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 3.27 लाख करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंचा है।
कितने नए रोजगार सृजित हुए हैं?
इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम ने 25 लाख रोजगार सृजित किए हैं, जिसमें महिलाओं के लिए विशेष अवसर शामिल हैं।