क्या केंद्र ने गौतम बुद्ध नगर में 417 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी दी?

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क्या केंद्र ने गौतम बुद्ध नगर में 417 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी दी?

सारांश

केंद्र सरकार ने गौतम बुद्ध नगर में 417 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी दी है। यह परियोजना रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास को गति देगी। जानिए इस क्लस्टर के फायदों और इसकी विशेषताओं के बारे में।

Key Takeaways

  • 417 करोड़ रुपए का निवेश
  • 15,000 नई नौकरियां पैदा होंगी
  • 200 एकड़ में फैला क्लस्टर
  • स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
  • यमुना एक्सप्रेसवे के पास रणनीतिक स्थिति

नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन को बढ़ावा देने हेतु उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में ४१७ करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी २.०) की स्थापना को मंजूरी दे दी।

स्वीकृत ईएमसी २.० परियोजना का विकास यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) द्वारा किया जाएगा। यह क्लस्टर २०० एकड़ में फैला होगा और इसमें २५०० करोड़ रुपए के निवेश की अपेक्षा है।

परियोजना की समीक्षा केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने की। आईटी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परियोजना को लागू करने में राज्य सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

वैष्णव ने कहा, "इस परियोजना से विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा और १५,००० नौकरियां पैदा होंगी। यह भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह रोजगार सृजन और विकसित भारत के निर्माण पर सरकार के फोकस को दर्शाता है।"

अधिकारियों को परियोजना के तेजी से क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है। इस क्लस्टर से उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण, कंप्यूटर हार्डवेयर और संचार उपकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।

इस क्लस्टर में स्टार्टअप और एमएसएमई विश्व स्तरीय प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर और शेयर्ड सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे। इसमें स्टैंडर्ड फैक्ट्री शेड, बिजली, पानी की व्यवस्था, सीवेज ट्रीटमेंट, हॉस्टल, कौशल विकास केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र आदि शामिल हैं। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद मिलेगी। क्लस्टर सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

मंत्रालय ने कहा कि यह यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और आगामी पलवल-खुर्जा एक्सप्रेसवे के साथ स्ट्रैटेजिक रूप से स्थित है। यह साइट रेलवे स्टेशन और जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसे प्रमुख परिवहन केंद्रों के भी करीब है। इसके अतिरिक्त, यह क्लस्टर ईएमसी मेडिकल डिवाइस पार्क, एमएसएमई और अपैरल पार्क और एविएशन हब जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों से घिरा हुआ है।

ईएमसी योजना के तहत अब तक परियोजनाओं में लगभग ३०,००० करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है। ईएमसी ने ५२० कंपनियों को आकर्षित किया है, जिससे ८६,००० से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं।

Point of View

बल्कि यह भारत के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाले दृष्टिकोण के अनुरूप है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

ईएमसी 2.0 का क्या महत्व है?
ईएमसी 2.0 स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस क्लस्टर में कौन से उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा?
इस क्लस्टर में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, चिकित्सा उपकरण, और कंप्यूटर हार्डवेयर जैसे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना से कितनी नौकरियां पैदा होंगी?
इस परियोजना से लगभग 15,000 नौकरियां उत्पन्न होने की उम्मीद है।