क्या भारत को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अग्रणी बनने के लिए औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स को प्राथमिकता देनी चाहिए? : आईसीईए

सारांश
Key Takeaways
- औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
- यह क्षेत्र रोजगार और विकास के नए अवसर पैदा कर सकता है।
- भारत को ग्लोबल लीडर बनाने की क्षमता है।
- उच्च-कुशल रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं।
- इस क्षेत्र में निवेश करना जरूरी है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने सोमवार को भारत के 2030 तक 500 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण लक्ष्य के लिए औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स को तत्काल प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
एक बयान में कहा गया है कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का भविष्य उन वस्तुओं के निर्माण में निहित है, जो हमारे कारखानों, शहरों और परिवहन नेटवर्क को स्वचालित करेंगी।
बयान में कहा गया है कि आईसीईए औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपनी संचालन समिति के माध्यम से सरकार और उद्योग जगत के नेताओं के साथ मिलकर औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक समर्पित नीति और एक रणनीतिक रोडमैप विकसित करने के लिए काम कर रहा है।
भारत को औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफिनियन टेक्नोलॉजीज, फेस्टो, फैनुक और अन्य कंपनियों के लीडर्स सहित संचालन समिति, तकनीकी पहुंच, नियामक ढांचे और इकोसिस्टम विकास पर एक मार्केट स्टडी तैयार करेंगे।
आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा, "औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को राष्ट्रीय रणनीतिक प्राथमिकता के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। यह हर एडवांस मैन्युफैक्चरिंग सेटअप का ब्रेन और नर्वस सिस्टम है। औद्योगिक स्वचालन में नेतृत्व के बिना भारत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एक सच्चा लीडर होने का दावा नहीं कर सकता।"
मोहिंद्रू ने आगे कहा कि औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स में विशेष रूप से एम्बेडेड सिस्टम, ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर, रोबोटिक्स और एआई-इंटीग्रेटेड सिस्टम जैसे क्षेत्रों में उच्च-कुशल रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
भारत को इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए टैलेंट पाइपलाइनों, आरएंडडी और प्रोत्साहनों में निवेश करना चाहिए। साथ ही, औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक ग्लोबल डिजाइन और विनिर्माण केंद्र बनने का लक्ष्य रखना चाहिए।
डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स के उपाध्यक्ष मनीष वालिया ने कहा, "औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स मॉडर्न मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की तकनीकी रीढ़ है, जो स्मार्ट कारखानों, रोबोटिक्स, इंटेलिजेंट ग्रिड, ऑटोमेटेड सिस्टम और फ्यूचर रेडी ट्रांसपोर्ट तथा लॉजिस्टिक्स को शक्ति प्रदान करता है। औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स अपने आप में वर्टिकल नहीं है, बल्कि यह एक क्षैतिज है, जो विनिर्माण के सभी क्षेत्रों को संचालित करता है।"
हाल ही में, एम्बर एंटरप्राइजेज इंडिया ने इजराइल स्थित यूनिट्रोनिक्स लिमिटेड में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदी है, जिससे भारत की उन्नत औद्योगिक स्वचालन तकनीकों तक पहुंच बेहतर होगी और आत्मनिर्भरता, निर्यात प्रतिस्पर्धा और रोजगार सृजन के राष्ट्रीय लक्ष्यों को बल मिलेगा।
एम्बर ग्रुप के कार्यकारी अध्यक्ष और सीईओ जसबीर सिंह ने कहा कि यह डील स्मार्ट फैक्ट्रियों और डिजिटली-ड्रिवन प्रोडक्शन सिस्टम की ओर देश के ट्रांजिशन को तेज कर भारत के औद्योगिक स्वचालन को बढ़ावा देगी।