क्या टीएमसी में बड़ा बदलाव हुआ? ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया

सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी को लोकसभा का नेता बनाया।
- सुदीप बंद्योपाध्याय अस्वस्थ हैं।
- आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी चल रही है।
- पार्टी में आंतरिक विवाद भी चल रहे हैं।
- अभिषेक का नेतृत्व पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
कोलकाता, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। सीएम ममता बनर्जी ने पार्टी के महासचिव और अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैंने आज तृणमूल कांग्रेस के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई। चूंकि हमारे लोकसभा नेता सुदीप बंद्योपाध्याय अस्वस्थ हैं और उनका इलाज चल रहा है, इसलिए सांसदों ने सर्वसम्मति से अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जब तक कि सुदीप दा स्वस्थ नहीं हो जाते।
उन्होंने आगे कहा कि हम सुदीप दा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं और संसदीय कार्यवाही के उनके अनुभव और गहन ज्ञान से समृद्ध उनके निरंतर मार्गदर्शन की आशा करते हैं।
पश्चिम बंगाल में अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले पार्टी में अभिषेक बनर्जी को मिली बड़ी जिम्मेदारी काफी अहम मानी जा रही है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस में कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच भी जुबानी जंग जारी है। दोनों नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। मामला इतना बढ़ गया कि कल्याण बनर्जी ने पार्टी मुख्यालय को टीएमसी संसदीय दल के मुख्य सचेतक पद को छोड़ते हुए अपना इस्तीफा भेज दिया, लेकिन उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया है।
सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी 7 अगस्त को कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा से मिलेंगे और इस मुद्दे को सुलझाएंगे।
इससे पहले कल्याण बनर्जी ने महुआ मोइत्रा के निजी जीवन को निशाना बनाते हुए कहा था कि वह मुझे महिला विरोधी कहती हैं, लेकिन उन्होंने खुद 40 साल पुरानी शादी तुड़वा दी, एक महिला की शादी तोड़कर 65 साल के व्यक्ति से विवाह किया। अब बताएं, असली महिला विरोधी कौन है, मैं या वह?